शनिवार, 4 मई 2013

लहरीबाई हत्याकांड: 10 माह बाद आरोपी धरे

लहरीबाई हत्याकांड: 10 माह बाद आरोपी धरे

चित्तौड़गढ़/भदेसर। निकंुभ कस्बे में गत वर्ष हुई वृद्धा की हत्या का राजफाश करते हुए निकंुभ पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक अन्य की तलाश है। शराब को लेकर मिले सुराग के आधार पर पुलिस दस माह बाद आरोपितों तक पहंुच पाई।

पुलिस ने बताया कि भूरालाल जाट ने 16 जुलाई 2012 को उसकी बड़ी सास लहरीबाई (50) पुत्री भैरूलाल जाट की अज्ञात लोगों द्वारा हत्या करने की सूचना दी थी। सिर पर वजनी पत्थर डालकर उसे मौत के घाट उतारा गया था।

पुलिस अधीक्षक राघवेन्द्र सुहास ने बड़ीसादड़ी थाना प्रभारी भैरूलाल के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक शंभूलाल,सिपाही विक्रमसिंह,इनायत अली,कमलकिशोर आदि की टीम गठित की।

और मन में आ गईखोट

एएसआई शंभूलाल को पता चला कि घटना के बाद से पिन्टू पुत्र ऊंकार खटीक,कालूसिंह पुत्र रतनसिंह राजपूत आदि गायब है। इन तीनों ने घटना के एक दिन पहले चन्दामाता की पहाड़ी पर बैठकर शराब पी थी। वहां से लहरी का मकान देखकर तीनों के मन में खोट आ गई।

सांस टूटने तक पटकते रहे पत्थर

देर रात वे दीवार फांदकर लहरी के मकान में घुस गए और वहां एक बखारी का ताला तोड़ा,लेकिन उसमें कुछ नहीं मिला। दूसरी बखारी में ढाई सौ ग्राम वजनी चांदी के पायजेब व 710 रूपए मिले। तीसरी बखारी का ताला तोड़ते समय लहरी जाग गई। यह देखकर तीनों घबरा गए और पहचान के डर से पिन्टू ने एक बड़ा पत्थर उसके सिर पर दे मारा। बाद में उसके दो अन्य साथियों ने भी पत्थर मारे। लहरी की मौत तक तीनों ने उसके हाथ-पैर दबाकर रखे और बाद में वहां से फरार हो गए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें