शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

कांग्रेस जिलाध्यक्षों ने कहा-ऐसे तो हम भी डूबेंगे और आप भी डूबेंगे

कांग्रेस जिलाध्यक्षों ने कहा-ऐसे तो हम भी डूबेंगे और आप भी डूबेंगे 



वासनिक की मौजूदगी में सरकार पर गरजे कांग्रेस के जिला और ब्लॉक अध्यक्ष



 जयपुर  कांग्रेस संदेश यात्रा के दूसरे चरण के शुरू होने से ठीक पहले गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुलाई गई साझा बैठक में जिला और ब्लॉक अध्यक्षों ने सरकार की कार्यशैली और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के मुद्दे पर जमकर गुस्से का इजहार किया। प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक व सहप्रभारी अरुण यादव की मौजूदगी में 33 वक्ताओं ने एक सुर में सरकार की कार्यशैली, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, ब्यूरोक्रेसी के हावी होने, मंत्रियों के मनमाने रवैये की खूब आलोचना की।

स्थानीय नेताओं ने सरकार की कार्यशैली की शिकायत करते हुए कहा कि फील्ड में कार्यकर्ताओं की कोई पूछ नहीं है। कार्यकर्ताओं को विश्वास में लिए बिना आप कितनी ही यात्राएं निकाल लीजिए, कोई फायदा नहीं होने वाला है। हालात यही रहे तो हम तो डूबेंगे आप भी डूब जाएंगे। ऐसे लक्षणों से तो कांग्रेस की सरकार नहीं बनने वाली है।

कोई सुनता नहीं है, क्यों ऐसे पद दे रखे हैं : पाली के एक नेता ने कहा कि हम तो मुख्यमंत्री को अपना दुखड़ा रो चुके हैं। आप कितनी ही अच्छी योजनाएं बना लो कोई फायदा नहीं होगा।

जिलाध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्ष की पटवारी, ग्राम सेवक, थानेदार तक सुनता नहीं है। फिर इस पद का फायदा क्या है? हमें क्यों ये पद दे रखे हैं, ब्लॉक अध्यक्ष बनाने की जरूरत ही क्या है?

हम तो आखिरी बार कह रहे हैं, सुधार लो नहीं तो यह जहाज डूबेगा : नेताओं ने कहा मनमुटाव दूर करके कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतिए। मंत्री जिलों में जाते है तो सूचना तक नहीं देते। अफसर मंत्रियों की नहीं सुनते और मंत्री हमारी नहीं सुनते। ऐसे हालात में कार्यकर्ता कहां जाए? हम तो सरकार और संगठन को जमीनी स्थिति ठीक करने का कह कह कर थक गए हैं। हम तो आखिरी बार कह रहे हैं, सुधार कर सको तो कर लो, वरना इस जहाज को डूबने से कोई नहीं बचा पाएगा।

वासनिक ने कहा, कार्यशैली में बदलाव लाना होगा, नाराजगी दूर करनी होगी : स्थानीय नेताओं ने जिस अंदाज में सरकार और संगठन के उच्च पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ गुस्से का इजहार किया, उसमें कई बातों पर प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक ने भी सहमति जताई।

वासनिक ने कहा कि कार्यशैली में बदलाव लाना होगा और जो नाराजगी है उसे दूर करना होगा। प्रदेशाध्यक्ष को चाहिए कि वे ब्लॉक अध्यक्षों का महत्व कायम करें। ब्लॉक की कार्यकारिणी बनाने का अधिकार तो ब्लॉक अध्यक्ष को देना होगा। पंचायत और ब्लॉक की कार्यकारिणी ही अगर पीसीसी के स्तर पर बनेगी तो फिर ब्लॉक को कौन पूछेगा? वासनिक ने कहा कि पंचायत और ब्लॉक की कार्यकारिणी स्थानीय स्तर पर बने।

सरकार ने रावण पाल रखे हैं

मेवाड़ क्षेत्र के एक नेता ने कहा कि राजनीतिक नियुक्तियों में सरकार ने ऐसे लोगों को पद दिए जिनका न पार्टी में कोई योगदान है, न उनका पार्टी को कोई फायदा होने वाला है। जिस तरह शिवजी ने राम और रावण को साथ साथ आशीर्वाद दिया, उसी तरह सरकार के मुखिया ने बिना पार्टी हित की परवाह किए रावण पाल लिए। ये रावण अभी तो कोई काम नहीं कर रहे और चुनावों में पार्टी का नुकसान करेंगे।






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