एफआईआर दर्ज कराने से क्या, फैसला तो मैं करूंगा'
मारवाड़ जंक्शन थानाप्रभारी ने मामला दर्ज करवाने गए परिवादी पर डाला समझौते का दबाव
पाली फिल्टर पानी(आरओ प्लांट) के कारखाने से दिन दहाड़े चोरी करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर, पुलिस उल्टे उनका न केवल साथ दे रही है, बल्कि एफआईआर दर्ज कराने वाले व्यापारी को ही यह कह कर धमका रही है कि रिपोर्ट दर्ज कराने से ही क्या होगा, केस की तफ्तीश तो पुलिस ही करेगी। ताज्जुब की बात तो यह रही कि कारखाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने गए व्यापारी को 16 घंटे तक थाने में बैठा कर टालते रहे। उच्चाधिकारियों ने हस्तक्षेप किया तो पहले आरोपी पक्ष की रिपोर्ट दर्ज की और बाद में उस व्यापारी की। मामला मारवाड़ जंक्शन थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
जोधपुर में सरदारपुरा निवासी अशोक जेठवानी ने बताया कि मारवाड़ जंक्शन थाना क्षेत्र के हेमलियावास में उसने पानी फिल्टर कर बॉटलिंग करने का आरओ प्लांट लगा रखा है। यह आरओ प्लांट उसने शेखावास निवासी गणपतसिंह प्रजापत से खरीदा है। गणपतसिंह ने आरओ प्लांट की एवज में उससे 1 करोड़ 21 लाख रुपए उधार लिए थे, जिसके बदले उसने दो भूखंड के कागजात व 60 लाख रुपए के चेक उसे अमानत के तौर पर दिए थे। जेठवानी का आरोप है कि उधारी की उक्त रकम लौटाने के बजाय आरोपी गणपतसिंह प्रजापत अपने 10-12 साथियों के साथ गत 23 अप्रैल को दिन में आरओ प्लांट पर पहुंचा और कारखाने से सारा सामान चोरी कर ले गए। इसकी सूचना उन्होंने मारवाड़ जंक्शन एसएचओ रामचंद्र सिंह को दी, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि कारखाने का सामान गणपतसिंह का ही है, जिसे वही ले जा रहा है। इसके बाद 24 अप्रैल को वह कारखाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचा, लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। आरोप है कि थानाप्रभारी ने उससे इस मामले में समझाइश करने को कहा, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उस दिन सुबह 8 बजे से रात 1 बजे तक उसे टालते हुए थाने में बैठा रखा, लेकिन सोजत डीएसपी के हस्तक्षेप के बाद देर रात को उसका मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप है कि थानाप्रभारी ने आरोपियों की अनुपस्थिति में उनकी एफआईआर पहले दर्ज की और बाद में उसका मुकदमा दर्ज किया। आरोप यह भी है कि थानाप्रभारी ने उसे यह कहते हुए भी धमकाया कि एफआईआर दर्ज कराने से क्या होगा, क्योंकि इसकी जांच कर फैसला भी तो वही करेंगे। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर थाना प्रभारी से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी जेठवानी ने की है। इसकी एक सीडी भास्कर के पास भी उपलब्ध है। जेठवानी ने इस बाबत उच्चाधिकारियों को शिकायत की है। इस संबंध में थानाप्रभारी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल से संपर्क नहीं हो पाया।
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