जीवन बचाने वाला वीर सम्मानित
जयपुर। 29 दिसम्बर 2011.... विशाखापट्टनम से करीब 216 किलोमीटर दूर बीच समुद्र में चक्रवाती हवाओं ने लहरों
को मौत का मुंह बना दिया था।
इस भयानक आपदा में फंसे 11 मछुआरे पल-पल मौत से सामना कर रहे थे। लेकिन मरूधरा के एक वीर ने इन मौत की लहरों को मात देते हुए इन मछुआरों को फिर नया जीवन दिया।
नौसेना में पैटी ऑफिसर के पद पर तैनात सिरोही के
गुलाबगंज गांव के रमेश कुमार को अब उनके इस साहसिक कारनामे के लिए नौ सेना मैडल (वीरता) से सम्मानित किया गया है।
मुम्बई में शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल डी.के.जोशी ने पैटी ऑफिसर रमेश कुमार को यह सम्मान प्रदान किया। चक्रवाती तूफान "थाने" तमिलनाडु और आंन्ध्रप्रदेश के तटीय क्षेत्रों में विनाश लीला मचा रहा था।
इसमें 350 मछुआरे लापता बताए गए थे। वायु गोताखोर दल में सबसे अनुभवी होने के नाते रमेश कुमार को बचाव कार्यो का जिम्मा सौंपा गया। हैलीकॉप्टर से जा रहे रमेश को बीच समुद्र में एक पलटी हुई नौका पर यह 11 मछुआरे बैठे दिखे। तूफान के कारण भयावह हुई लहरों में इन मछुआरों तक पहुंच पाना लगभग नामुमकिन था
लेकिन राजस्थान के इस वीर ने अपनी जान की परवाह किए बिना मछुआरों की जान बचाना अपना कत्र्वय समझा। प्रयास शुरू किए, रस्सी समुद्र तक लटकाई, आखिरकार वह कामयाब हुआ।
रमेश कुमार ने समुद्री बचाव कार्यो में अपनी दक्षता का परिचय देते हुए एक-एक मछुआरे को हैलीकॉप्टर तक पहुंच
गया और सबसे आखिर में स्वयं भी सफलतापूर्वक
हैलीकॉप्टर तक पहुंच गए। गुलाबगंज के ओटाराम प्रजापत के पुत्र रमेश जनवरी 1996 में नौसेना में शामिल हुए थे।
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