सोमवार, 8 अप्रैल 2013
पारेवर गांव में भी अवैध बजरी खनन का खेल खुले आम
पारेवर गांव में अवैध बजरी खननकर्ताओं से ग्रामीणों में भय का माहौल, विभाग को शिकायत के बाद भी नहीं हो रही है कार्यवाही, ग्रामीण लगा रहे हैं खनन विभाग पर मिलीभगत का आरोप-
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जैसलमेर जिले के
पारेवर गांव में भी अवैध बजरी खनन का खेल खुले आम चल रहा है जिसे लेकर खनन विभाग भी लंबे समय से आंखे मूंदे बैठा है। गांव के पास स्थित गौचर भूमि पर अवैध खननकर्ताओं ने जेसीबी के माध्यम से गढ्ढे कर लाखों रूपये की बजरी का खनन कर दिया है जबकि सरकार की ओर से इस क्षेत्र में बजरी खनन पर रोक लगी हुई है ऐसे में इन लोगों द्वारा सरकार को राजस्व की हानि देकर चूना लगाया जा रहा है। ग्रामीणों की मानें तो इस संबंध में जिला कलक्टर से लेकर खनन विभाग के अधिकारियों तक कई शिकायतें की गई है लेकिन इन अवैध खननकर्ताओं व खनन विभाग के अधिकारियों के बीच सांठगांठ होने के कारण न तो कार्यवाही हो पा रही है उल्टे ही गांव वालों द्वारा शिकायत किये जाने पर स्वयं शिकायतकर्ता को प्रताडित होना पडता है।पारेवर गांव के पास हो रहे बजरी के अवैध खनन के चलते अवैध खनन करने वालों द्वारा गौचर भूमि को भी नहीं छोडा गया है ऐसे में जेसीबी के माध्यम से बजरी की खुदाई करने के कारण क्षेत्र में 10 से 20 फीट गहरे गढ्ढे हो गये हैं जिसके कारण यहां चरने के लिये आने वाला पशु आये दिन हादसों का शिकार होता है। ग्रामीणों द्वारा जब इन खननकर्ताओं का विरोध किया जाता है तो अपने उंचे रसूखात का भय दिखा कर ये ग्रामीणों को चुप करा देते हैं। ग्रामीणों की माने तो खनन विभाग की शरण प्राप्त इन अवैध बजरी खनन करने वालों के खिलाफ जहां सरकार ने आंखें मूंदी हुई है इससे गांव में भय का माहौल पैदा हो गया है। ग्रामीण कानसिंह का कहना है कि जब भी इस संबंध में विभाग के पास शिकायत लेकर जाते हैं तो विभाग शिकायत के बाद अवैधखनन करने वालों को सचेत कर देता है और मौके पर आकर ग्रामीणों को झूठी शिकायत करने की हिदायत देकर चला जाता है। उन्होंने कहा कि कार्यवाही के दौरान विभाग को मौके पर भले ही अवैध खनन करने वाले नहीं मिले लेकिन इन खनन कर्ताओं द्वारा लम्बे चौडे क्षेत्र में किये गये गढ्ढों को कैसे नजर अंजाद किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि खनन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत होने के कारण इन पर आज तक कोई भी ठोस कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा सकी है।
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