विधायक बोले, चुनावी साल है, कई षड्यंत्र होंगे
श्रीगंगानगर श्रीगंगानगर से भाजपा विधायक राधेश्याम गंगानगर और भरतपुर निवासी हरजीत सिंह के खिलाफ टाउनशिप योजना के नाम पर एक करोड़ रु. की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इस संबंध में दायर इस्तगासे पर एसीजेएम ने केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस्तगासा बीकानेर के रानी बाजार निवासी व्यवसायी पुनीत कुमार अग्रवाल ने दायर किया था। उधर, विधायक राधेश्याम गंगानगर ने कहा कि यह चुनावी साल है। इस दौरान ऐसे कई षड्यंत्र होंगे। मैं पुनीत कुमार नामक व्यक्ति को नहीं जानता और न ही मेरा इस प्रकरण से वास्ता है। आरोप है कि राधेश्याम ने दो एमएल में 12 बीघा भूमि पर सूर्यनगरी नाम से कॉलोनी स्वीकृत कराई। 23 अगस्त २०10 को इस कॉलोनी के 24 भूखंड 1.27 करोड़ रु. और 36 भूखंड 1.54 करोड़ रु. में बेचने का इकरारनामा हरजीत सिंह से किया। हरजीत सिंह ने राधेश्याम से खरीदे गए भूखंडों को 3 करोड़ 56 लाख 60 हजार 46 रु. में बेचने का पुनीत अग्रवाल से 24 जनवरी 2011 को इकरारनामा कर एक करोड़ रुपए अग्रिम लिए।
ये जमीन अविवादित बताई गई थी। राधेश्याम और हरजीत सिंह के बीच जिन भूखंडों को बेचने का इकरारनामा हुआ था, उन पर एसडीएम ने राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 177 के तहत कार्रवाई करते हुए नवंबर 2010 में रिसीवर की कार्रवाई कर दी। पुनीत अग्रवाल ने इकरारनामे की शर्तों के अनुसार शेष रुपए देने चाहे तो राधेश्याम और हरजीत सिंह ने रिसीवर की कार्रवाई का जिक्र करते हुए रुपए लेने से मना कर दिया। इस्तगासे के अनुसार अपै्रल 12 में रिसीवर की कार्रवाई खत्म हुई तो दोनों आरोपियों से पीडि़त ने कई बार संपर्क किया। इन्होंने सौदा पूरा नहीं कराया। इसके बाद विधायक के निवास पर पंचायत भी हुई। तब राधेश्याम और हरजीत सिंह ने एक करोड़ रुपए लौटाने से मना कर दिया।
ये जमीन अविवादित बताई गई थी। राधेश्याम और हरजीत सिंह के बीच जिन भूखंडों को बेचने का इकरारनामा हुआ था, उन पर एसडीएम ने राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 177 के तहत कार्रवाई करते हुए नवंबर 2010 में रिसीवर की कार्रवाई कर दी। पुनीत अग्रवाल ने इकरारनामे की शर्तों के अनुसार शेष रुपए देने चाहे तो राधेश्याम और हरजीत सिंह ने रिसीवर की कार्रवाई का जिक्र करते हुए रुपए लेने से मना कर दिया। इस्तगासे के अनुसार अपै्रल 12 में रिसीवर की कार्रवाई खत्म हुई तो दोनों आरोपियों से पीडि़त ने कई बार संपर्क किया। इन्होंने सौदा पूरा नहीं कराया। इसके बाद विधायक के निवास पर पंचायत भी हुई। तब राधेश्याम और हरजीत सिंह ने एक करोड़ रुपए लौटाने से मना कर दिया।
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