शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013
सोनिया देश की पहली महिला होगी, जिसे फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा
सोनिया देश की पहली महिला होगी, जिसे फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. सोनिया अपने पिता और मां सहित अपने ही परिवार के आठ लोगों की हत्या की दोषी है.
हरियाणा के बहुचर्चित रेलूराम पूनिया परिवार हत्याकांड में हत्यारी बेटी सोनिया और दामाद संजीव की दया याचिका को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खारिज कर दिया है.
सोनिया और संजीव को इन हत्याओं के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई थी. सोनिया आजाद हिन्दुस्तान की पहली महिला होगी, जिसे फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. फांसी पर लटकाने की तारीख हिसार की सेशन कोर्ट द्वारा तय की जाएगी.
सोनिया और संजीव फिलहाल अंबाला की जेल में बंद हैं. हरियाणा के पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया समेत उनके परिवार के आठ सदस्यों की 23 अगस्त 2001 की रात हत्या कर दी गई थी. दोषी सोनिया मृतक रेलूराम पूनिया की बेटी तथा संजीव उनका दामाद है.
31 मई 2004 को दी गयी फांसी की सजा
इस हत्याकांड में सोनिया और संजीव को तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज अरविंद कुमार गोयल ने 31 मई 2004 को फांसी की सजा सुनाई थी.
इस फैसले को सोनिया और संजीव ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. फिर हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को पलटते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. रेलूराम पूनिया के भाई रामसिंह और सरकार ने सोनिया और संजीव की सजा बढ़वाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटा
उस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी. एन. अग्रवाल और पी. पी. न्योलेकर की बेंच ने 15 फरवरी 2007 को हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया था और फांसी की सजा बरकरार रखी थी.
इस पर सोनिया और संजीव ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन भी दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. रेलूराम पूनिया के भाई राम सिंह ने एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल के माध्यम से 1 सितबर 2007 को एक याचिका हिसार के सेशन कोर्ट में दायर करके दोषियो को फांसी देने की तारीख तय करने का आग्रह किया था, जिस पर 8 सितंबंर 2007 को सेशन कोर्ट ने हत्यारे दपति की फांसी की तिथि 26 नवबर 2007 मुकर्रर की थी लेकिन इससे पहले ही दंपति ने राष्ट्रपति से दया याचना दायर कर दी थी.
आठ लोगों की हत्या की दोषी
सोनिया और उसके पति संजीव ने मिलकर रेलूराम पूनिया, उनकी पत्नी कृष्णा, पुत्र सुनील, बहू शकुंतला, बेटी प्रियंका, 4 वर्षीय पोते लोकेश, ढाई वर्षीया पोती शिवानी और डेढ़ माह की प्रीति की हत्या कर दी थी.
रेलूराम पूनिया के भाई राम सिंह पूनिया ने सोनिया और संजीव की दया याचिका खारिज होने पर कहा है कि न्याय की जीत हुई है. रेलूराम पूनिया के भाई राम सिंह पूनिया ने सोनिया और संजीव की दया याचिका खारिज होने पर कहा है कि न्याय की जीत हुई है.
राम सिंह ने कहा कि भगवान जो करता है ठीक करता है. इन दोनों ने अपराध किया था, इनकी फांसी की सजा राष्ट्रपति ने बरकरार रख कर न्याय कर दिया है.
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