प्लेसमेंट एजेंसी से लगे संविदाकर्मियों को राहत
जोधपुर। प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत संविदाकर्मियों को राहत देते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने उनको पंचायतीराज विभाग की ओर से आयोजित कनिष्ठ लिपिक भर्ती प्रक्रिया में अनुभव का लाभ प्रदान करने का अंतरिम आदेश दिया है। वरिष्ठ न्यायाधीश एन.के. जैन व न्यायाधीश वी.के. माथुर की खण्डपीठ ने याचिकाकर्ताओं को प्रक्रिया में शामिल करते हुए वरीयता सूची तैयार करने को भी कहा है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी, मनोज भण्डारी, रवि भंसाली व एन.आर. चौधरी ने राज्य सरकार के नियम 273 के संशोधन को चुनौती देते हुए अदालत में कहा कि पंचायतीराज विभाग की कनिष्ठ लिपिक भर्ती प्रक्रिया में प्लेसमेंट एजेंसीज के माध्यम से नियुक्त संविदाकर्मियों को बोनस अंक देने की व्यवस्था नहीं की गई है, जो कि अनुचित व अविधिक है। अधिवक्ता डॉ. भाटी ने दलील दी कि प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत संविदाकर्मी भी वही कार्य कर रहे हैं, जो पंचायतीराज विभाग के माध्यम से लगे संविदाकर्मी कर रहे हैं।
इस पर खण्डपीठ ने प्रारम्भिक सुनवाई के बाद प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत संविदाकर्मियों को भी अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर उनको कनिष्ठ लिपिक भर्ती में बोनस अंक प्रदान करने का अंतरिम आदेश दिया। साथ ही उनको शामिल करते हुए वरीयता सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए। हाईकोर्ट के आदेशानुसार याचिका का अंतिम निस्तारण होने तक उनको नियुक्ति नहीं दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी।
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