कारेली नाडी के पुराने स्वरुप को बहल करने की अनूठी पहल
जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बाड़मेर | बाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित कारेली नाडी के सरंक्षण के लिए बाड़मेर की जनता ने कदम आगे ब़ाये .कारेली नाडी के सरंक्षण और सौन्दर्यकरण को लेकर बनी कारेली नाडी सरंक्षण समिति ने जिला कलेक्टर के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित को ज्ञापन सौंप कर इसे तत्काल बहल की मांग की .समिति के सांग सिंह लुनु ,चन्दन सिंह भाटी ,रिडमल सिंह दांता .माधो सिंह दांता ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,अशोक सिंह राजपुरोहित ,रघुवीर सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,अशोक सारला ,रतन सिंह लुनु ,प्रवीण बोथरा ,राजू सिंह भुरटिया ,सादिक खान ,दिनेश्पाल सिंह लखा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो से आये ग्रामीणों ने जिला
कलेक्टर से नाडी के सरंक्षण की मांग की .समिति के सांग सिंह लुनु ने बताया बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित ऐतिहासिक कारेली नाडी बाड़मेर की परंपरागत पेयजल स्रोतों में कारेली नाडी अहम थी .आसपास के पचासों गाँवो के लोग इस नाडी के पानी से प्यास बुझाते थे .वहीं इस तालाब की बड़ी मान्यता थी ,लोगो की इस तालाब के प्रति गहरी आस्था थी ,आज इस तालाब की दुर्दशा कर इसे कचरा पात्र बना दिया , चन्दन सिंह भाटी ने बताया की जिला प्रशासन द्वारा कारेली नाडी के सौन्दर्यकरण के नाम पर विदेशी कंपनियों से पैसा भी लिया मगर उसका इस नाडी पर कोई उपयोग नहीं किया .आज तालाब गन्दगी से भरा पडा हें ,जिला प्रशासन और नगर परिषद लगातार इस नाडी की उपेक्षा कर रहे हें जबकि सरकार ने परंपरागत पेयजल स्रोतों के विकास के लिए कई योजनाए बना रखी हें . कारेली नाडी के पुराने स्वरुप को पुनः लौटाने के सतत सामूहिक प्रयास किये जायें .माधो सिंह दांता ने बताया की आज इस नाडी के आगे से आम आदमी गुजर नहीं सकता इस तालाब में मृत पशु तक डाले जा रहे हें वही इसे कचरा पात्र बना दिया . इसके लिए मांग की कि नगर परिषद तथा जिला प्रशासन एक कमेटी का गठन करे जिसकी देखरेख में कारेली नाडी के सौन्दर्यकरण और विकास का काम हो .इन्दर प्रकाश पुरोहित ने बताया की कारेली नाडी से कचरा तत्काल उठाया जाकर इसे साफ़ सुथरा किया जाये ताकि इसके पुराने स्वरुप को बहल किया जा सके .अशोक सिंह राजपुरोहित ने बताया की जिला प्रशासन राज्य की परंपरागत पेयजल स्रोत योजनाओ के साथ इस को शामिल कर इसे बहल किया जाये ,यदी जिला प्रशन द्वारा कारेली नाडी के सरंक्षण का कार्य एक सप्ताह में नहीं किया गया तो बाड़मेर की जनता इसके सरंक्षण का काम अपने हाथ लेगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन और नगर परिषद की होगी .
कलेक्टर से नाडी के सरंक्षण की मांग की .समिति के सांग सिंह लुनु ने बताया बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित ऐतिहासिक कारेली नाडी बाड़मेर की परंपरागत पेयजल स्रोतों में कारेली नाडी अहम थी .आसपास के पचासों गाँवो के लोग इस नाडी के पानी से प्यास बुझाते थे .वहीं इस तालाब की बड़ी मान्यता थी ,लोगो की इस तालाब के प्रति गहरी आस्था थी ,आज इस तालाब की दुर्दशा कर इसे कचरा पात्र बना दिया , चन्दन सिंह भाटी ने बताया की जिला प्रशासन द्वारा कारेली नाडी के सौन्दर्यकरण के नाम पर विदेशी कंपनियों से पैसा भी लिया मगर उसका इस नाडी पर कोई उपयोग नहीं किया .आज तालाब गन्दगी से भरा पडा हें ,जिला प्रशासन और नगर परिषद लगातार इस नाडी की उपेक्षा कर रहे हें जबकि सरकार ने परंपरागत पेयजल स्रोतों के विकास के लिए कई योजनाए बना रखी हें . कारेली नाडी के पुराने स्वरुप को पुनः लौटाने के सतत सामूहिक प्रयास किये जायें .माधो सिंह दांता ने बताया की आज इस नाडी के आगे से आम आदमी गुजर नहीं सकता इस तालाब में मृत पशु तक डाले जा रहे हें वही इसे कचरा पात्र बना दिया . इसके लिए मांग की कि नगर परिषद तथा जिला प्रशासन एक कमेटी का गठन करे जिसकी देखरेख में कारेली नाडी के सौन्दर्यकरण और विकास का काम हो .इन्दर प्रकाश पुरोहित ने बताया की कारेली नाडी से कचरा तत्काल उठाया जाकर इसे साफ़ सुथरा किया जाये ताकि इसके पुराने स्वरुप को बहल किया जा सके .अशोक सिंह राजपुरोहित ने बताया की जिला प्रशासन राज्य की परंपरागत पेयजल स्रोत योजनाओ के साथ इस को शामिल कर इसे बहल किया जाये ,यदी जिला प्रशन द्वारा कारेली नाडी के सरंक्षण का कार्य एक सप्ताह में नहीं किया गया तो बाड़मेर की जनता इसके सरंक्षण का काम अपने हाथ लेगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन और नगर परिषद की होगी .
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