फ्रांसीसीसाइंटिस्टोंकाकहनाहैकिगर्भ में बच्चेपैदाहोनेसे तीनमहीनेपहलेबाहरकीआवाज सुन करपहचानकरनेलगते हैंकिआवाजकिसकी है।
यूनिवर्सिटी ऑफ पिकार्डी की रिसर्च टीम के साइंटिस्टों ने 28 हफ्ते के गर्भ की ऑप्टिकल स्कैनिंग करके यह पता लगाया है कि अजन्मे बच्चे आवाज से यह भेद लगा सकने के काबिल हो जाते हैं कि आवाज मर्द की है या औरत की।
वैसे, इससे पहले डॉक्टर यह तो जानते ही थे कि गर्भ में बच्चा बाहर होने वाला शोर सुन लेता है। बच्चे के कान गर्भ में छह महीने में विकसित हो जाते हैं। इससे वह अपनी मां के गुनगुनाने, उसकी लोरियां और उससे बात करने जैसे सहित तमाम आवाज को सुनने लगता है और उसे ग्रहण भी करने लगता है।अभी तक साइंटिस्टों को यह पता नहीं चल सका है कि इंसानों में स्पीच को समझने की क्षमता पैदा होने के साथ होती है या वे बाद में समझने लगते हैं।
रिसर्च टीम ने प्रिमैच्योर बच्चों के दिमाग का स्कैन किया और यह पाया कि ये बच्चे 'गा' और 'बा' जैसी ध्वनियों को आदमी या औरत की है, के तौर पर पहचानता है और भेद करता है। इन सभी बातों का रिसर्च से यह निष्कर्ष निकलता है कि अजन्मा बच्चा भाषा को सीखना शुरू कर देता है।
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