गुरुवार, 7 मार्च 2013

रेप करने वाले को सुनाई फांसी की सजा

रेप करने वाले को सुनाई फांसी की सजा
श्रीगंगानगर। जिले के गणेशगढ़ गांव में करीब दस माह पहले चार वर्षीय दलित बच्ची से रेप और हत्या के मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है।

गुरूवार को विशिष्ट न्यायाधीश (अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण) धर्मदत्त शर्मा ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयरेस्ट मामला बताते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने कहा कि यह जघन्य अपराध किसी तरह की नरमी केकाबिल नहीं हैं।

पीडिता के परिजनों ने लालगढ़ पुलिस थाने में 4 मई 2012 को दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। जानकारी के मुताबिक 3 मई 2012 को चार वर्षीय बालिका पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार के घर बच्चों के साथ खेलने गई थी।

घर लौटने समय पड़ोस में रहने वाले 48 वर्षीय कालू खां पुत्र अलादित्ता नेे बेर खिलाने का लालच देकर उसे अपने कमरे में ले गया। उसने पहले अपने बच्चे से उससे बलात्कार कराया। बाद में खुद ने भी अस्मत लूटी। इसके बाद गला रेतकर बच्ची की हत्या कर दी। घर में बनी मजार के पास ही कब्र खोदकर पीडिता के शव को दफना दिया।

बच्ची के परिजनों ने पूरे गांव में खाक छानी लेकिन वह नहीं मिली। अगले दिन 4 मई को संदेह होने पर कालू खां के घर के बगल में कब्र खोदी गई। तब वारदात का खुलासा हुआ।

पुलिस ने आरोपी कालू खां के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में कालू खां दोषी पाया गया। इसके बाद अदालत में चालान पेश किया। कालू खां को मुख्य आरोपी और उसके नाबालिग लड़के को सह आरोपी बनाया गया।

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