शनिवार, 23 मार्च 2013

बाड़मेर के रागेश्वरी और ऐश्वर्या फील्ड से गैस और तेल का दोहन शुरू

बाड़मेर के रागेश्वरी और ऐश्वर्या फील्ड से गैस और तेल का दोहन शुरू



-- बाड़मेर। बाड़मेर-सांचौर बेसिन के केयर्न इंडिया- ओएनजीसी के संयुक्त उपक्रम में ऐश्वर्या में क्रूड ऑयल और रागेश्वरी में नेचुरल गैस का उत्पादन शनिवार से शुरू हो गया। राजस्थान में यह पहला मौका है, जब यहां नेचुरल गैस का वाणिज्यिक उत्पादन शुरु हो रहा है। पहले दिन से ही यहां 50 लाख घन फीट गैस का उत्पादन किया जा रहा है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री डॉ. एम वीरप्पा मोइली, केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री पी लक्ष्मी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनका लोकार्पण किया।


इस अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री डॉ. वीरप्पा मोइली ने कहा कि गैस प्राइस और शैल गैस पॉलिसी अगले 15 दिनों में केबिनेट में तय हो जाएगी। इसके लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बाड़मेर में निकली गैस को गुजरात या अन्य स्थान पर भेजने के स्थान पर बाड़मेर, जोधपुर सहित राजस्थान के अन्य शहरों में इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन बना है। इसका गैल इंडिया के साथ करार हुआ है, जिसका रिव्यू किया जाएगा। वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के आह्वान पर तुरंत 100 करोड़ रुपए सामाजिक कामों पर खर्च करने की घोषणा की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे बाड़मेर के लोगों को यहां के काम में प्राथमिकता देंगे।

कार्यक्रम को राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि रिफाइनरी लगाने के लिए जिन किसानों की जमीन ली जा रही है, उनको पूरा मुआवजा दिया जाए। कार्यक्रम को राज्य उद्योग मंत्री मंत्री राजेंद्र पारीक , केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री पी. लक्ष्मी, केयर्न के सीईओ पी. एलेंगो, केयर्न- वेदांता ज्वाइंट वेंचर के अध्यक्ष आई.वी. जयराम ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में अल्पसंख्यक राज्यमंत्री अमीन खान, संसदीय सचिव दिलीप चौधरी और पेट्रोलियम सचिव सुधांश पंत, विधायक कर्नल सोनाराम, मदन प्रजापत, मेवाराम जैन, पदमाराम मेघवाल और जिला प्रमुख मदन कौर सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।


क्या होगा असर


रागेश्वरी ऑयल फील्ड : रागेश्वरी में प्राकृतिक गैस का उत्पादन शुरू किया गया है। पहले दिन से ही इसमें 50 लाख घन फीट गैस का उत्पादन किया जाएगा। यह केंद्र सरकार की ओर से नामित किए क्रेताओं को उपलब्ध कराया जाएगा, अभी गुजरात भेजी जाएगी। इसके लिए दरों का निर्धारण किया जा रहा है। केयर्न प्राकृतिक गैस का उत्पादन थोड़ी मात्रा में पहले से कर रही थी, लेकिन इसका उपयोग अभी इन-हाउस पावर प्रोडक्शन में किया जा रहा है। कुओं से निकाली जाने वाली गैस का रागेश्वरी में बने ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीटमेंट करके सप्लाई किया जाएगा। केयर्न की ओर से बाड़मेर से सलाया तक बिछाई गई हीटेड पाइप लाइन के समानांतर एक छोटी पाइप लाइन पहले बिछा रखी है, उसी से गैस सप्लाई किए जाने की संभावना है।


ऐश्वर्या ऑयल फील्ड : ऐश्वर्या में क्रूड ऑयल का उत्पादन 10,000 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी)होगी। इसकी औपचारिक अनुमति मिल गई है। शनिवार को इसकी शुरुआत 1,500 बीपीडी से की गई है। इसमें दो कुओं से दोहन होगा। इसके साथ ही केयर्न की ओर से किए जा रहे उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। अभी केयर्न 1.75 लाख बीपीडी का उत्पादन कर रहा है। इस उत्पादन के बूते पर राज्य को 15 करोड़ रुपए रोजाना की राजस्व आय हो रही है।


गैस का उपयोग : केंद्र सरकार की देश के 500 शहरों में पाइप लाइन से गैस वितरण की योजना है। इसमें राजस्थान के भी पांच छह शहर शामिल हैं। राज्य सरकार और गैल इंडिया लिमिटेड के बीच इसके लिए करार हुआ है।

राजस्थान को फायदा : इस नए उत्पादन की शुरुआत से प्रदेश को रॉयल्टी और सीएसटी के रूप में करोड़ों रुपए का राजस्व मिलेगा। इस वित्तीय वर्ष में 5000 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिल चुका है। अगले साल राजस्व 12,000 करोड़ से अधिक होने की संभावना है। प्रदेश को कुल उत्पादन पर अंतरराष्ट्रीय मूल्य के आधार पर करीब 20 प्रतिशत की दर से रॉयल्टी मिलती है।


राजस्थान को नुकसान : राज्य सरकार ने क्रूड ऑयल उत्पादन यहां होने के आधार पर वैट (स्थानीय बिक्री कर) का दावा किया था, लेकिन इसका सेलिंग पॉइंट गुजरात में होने का तर्क देते हुए केयर्न की ओर से यह कर नहीं दिया जा रहा।

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