शुक्रवार, 8 मार्च 2013

हेरोइन का ग्राहक निकला ओलिंपिक विजेता बॉक्‍सर विजेंदर! तस्‍कर के घर पर मिली पत्‍नी की कार

फतेहगढ़ साहिब. यूपी में जहां पूर्व कैबिनेट मंत्री पर हत्‍या का आरोप लगा है, वहीं दुनिया में अपने मुक्‍के से हिंदुस्‍तान का नाम ऊंचा करने वाले बॉक्‍सर विजेंदर सिंह का नाम हेरोइन तस्‍करी के मामले में सामने आ रहा है। पुलिस ने मोहाली के जिरकपुर में एक घर पर छापा मार कर 130 करोड़ रुपये की 26 किलो हेरोइन बरामद की है। आरोपी के साथी ने बरामद मात्रा से दोगुनी हेरोइन पानी में बहा दी है।
हेरोइन का ग्राहक निकला ओलिंपिक विजेता बॉक्‍सर विजेंदर! तस्‍कर के घर पर मिली पत्‍नी की कार
एसएसपी हरदयाल सिंह मान ने बताया कि पुलिस ने 3 मार्च को जालंधर जिले के गांव जंडू सिंहवाला के अनूप सिंह काहलों (कनाडा में रहने वाला एनआरआई) और नवांशहर जिले के गांव बडाला के कुलविंदर सिंह से जिला मोहाली में 540 ग्राम हेरोइन जब्त की थी। इसके बाद अनूप के जीरकपुर स्थित फ्लैट की तलाशी में 16 किलो तथा फ्लैट में खड़ी कार से 10 किलो हेरोइन बरामदकी गई। बताया जा रहा है कि इसकी सप्‍लाई रेव पार्टियों के लिए की जानी थी। सूत्र यह भी बताते हैं कि अनूप ने बताया है कि उसने बॉक्‍सर विजेंदर को भी ड्रग्‍स बेची है। हालांकि इसकी पुष्टि अभी होनी है।

तस्‍कर के घर के बाहर विजेंदर सिंह की पत्‍नी के नाम रजिस्‍टर्ड कार भी बरामद की गई। हालांकि इस कार से कुछ नहीं मिला, लेकिन यह कार तस्‍करों के घर कैसे पहुंची, यह सवाल बना हुआ है। इसका जवाब जानने के लिए पुलिस विजेंदर और उनकी पत्‍नी अर्चना को पूछताछ के लिए बुलाने वाली है।

एक टीवी चैनल के मुताबिक हेरोइन तस्‍कर का लिंक विजेंदर सिंह और राम सिंह नामक बॉक्‍सर से भी है। अनूप सिंह का कहना है कि वह विजेंदर और राम को हेरोइन की कुछ मात्रा दे चुका है। पुलिस जल्‍दी ही दोनों बॉक्‍सर को पूछताछ के लिए बुला सकती है। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। बॉक्‍सर और सिंह के लिंक का भी पता लगाया जा रहा है।

विजेंदर ने तस्‍करी या तस्‍कर से कोई संबंध होने से इनकार किया है। उन्‍होंने कहा है कि वह कई लोगों से मिलते हैं और राम सिंह के साथ एनआरआई अनूप सिंह से भी मिले थे, लेकिन उसे निजी तौर पर नहीं जानते हैं। अनूप के घर के बाहर पत्‍नी की कार पाए जाने के बारे में विजेंदर ने दलील दी कि उनके दोस्‍त कार ले गए होंगे। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में फंसे लोग बचने के लिए उनके नाम का इस्‍तेमाल कर रहे हैं।

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