शुक्रवार, 15 मार्च 2013
चौधरी रामदान युग दृष्टा थें - महेन्द्रसिंह
चौधरी रामदान युग दृष्टा थें - महेन्द्रसिंह
जयन्ती समारोह पर उमड़ी भीड़
प्रतिभाएं हुर्इ सम्मानित
बाड़मेर : रामदान जी व उनके साथियों ने उस वक्त आवासीय छात्रावासों की कल्पना की, जिस समय इनके बारेें में कोर्इ सोच ही नहीं सकता था। वे सच्चे अर्थो में युग दृष्टा थे। यह शिक्षा के अच्छे केन्द्र के रूप में वर्षो से चल रहे हैं लेकिन आज आवश्यकता बहुउददेश्यीय शिक्षण संस्थानों की हैं, जो तकनीकी कौशल की शिक्षा दे सकें। यह बात पुलिस उपायुक्त, जयपुर, महेन्द्रसिंह चौधरी ने किसान छात्रावास में चौधरी रामदान की 130वीं जयन्ती व वार्षिकोत्सव समारोह पर कही।
चौधरी ने कहा कि बाड़मेर राजस्थान की आर्थिक राजधानी बनने जा रहा हैं, इसमें युवा वर्ग को तकनीकी कौशल की जरूरत पड़ेगी ताकि रोजगार में वह अपनी योग्यता प्रदर्शित कर सकें। तकनीकी शिक्षा को आज व्यावहारिक जामा पहनाने की आवश्यकता हैं।
अध्यक्षीय उदबोधन में फतहगढ पुलिस अधीक्षक जोगेन्द्र कुमार पुनियां ने कहा कि विधार्थी जीवन में लक्ष्य निर्धारित करें वहीं पढे जिसमें रूचि हो। दृढ निश्चय और इच्छा शकित के बल पर कोर्इ भी व्यकित सफलता प्राप्त कर सकता हैं। उन्होनें छात्रावास में प्रतियोगी पुस्तकों की लार्इब्रेरी की स्थापना पर बल दिया।
विशिष्ट अतिथि सहायक आयकर आयुक्त, भैराराम चौधरी ने अंग्रेजी शिक्षा व कम्प्यूटर शिक्षा पर बल दिया। शार्टकट सफलता का साधन नहीं हैं मेहनत से ही कुछ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होने विधार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिये। समाज में बढती नशा प्रवृति व शारीरिक दुर्बलता पर असन्तोष व्यक्त किया।
विशिष्ट अतिथि, जिला प्रमुख मदन कौर ने अपने उदबोधन में कहा कि चौधरी रामदान ने समझ और परिश्रम से किसान वर्ग की तरकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक उत्थान के लिए शिक्षा एक महामन्त्र हैं, उन्होनें शिक्षा के गिरते स्तर, मृत्यु भोज, बाल विवाह, बेमेल विवाह और दहेज प्रथा पर अपनी पीड़ा जाहीर की। उन्होनें आय का कुछ हिस्सा सामाजिक सरोकारों पर खर्च करने का आहवान किया। छात्रावास अध्यक्ष बलवन्तसिंह चौधरी ने रामदान जी के आदर्शो को व्यवहार के ढांचे में ढालने का आहवान किया। डा. जालमसिंह रावलोत ने युवाओं को देश का सच्चा नागरिक बनकर देश व समाज की सेवा करने का आहवान किया। अमिता चौधरी ने कहा कि संगठन में ही शकित होती हैं। डा. एमआर गढवीर ने कहा कि किसान समाज की प्रगति से अन्य समाज भी प्रेरणा लें। कैलाश बैनिवाल ने समाज की एकता पर बल दिया। मूलाराम वाम्भू ने संस्कारवान जीवन की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम की शुरूआत चौधरी रामदान की मूर्ति पर अतिथियों द्वारा माल्र्यापण एवं सरस्वती की तस्वीर के आगे द्वीप प्रज्ज्वलन कर की गर्इ। कन्या छात्रावास की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया। जयन्ती संयोजक रणवीरसिंह भादू ने स्वागत उदबोधन दिया। छात्रावास व्यवस्थापक धर्माराम चौधरी एवं अमृतकौर चौधरी ने छात्रावास का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डा. प्रियन्का चौधरी ने रामदान जी का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। कोषाध्यक्ष डालूराम चौधरी ने छात्रावास का आर्थिक लेखा-जोखा पेश किया। इस अवसर पर किसान छात्रावास के विधार्थी विशनाराम, मानाराम, हर्षा एवं अनिता ने अपने अनुभव सुनाएं तथा छात्रावास की छात्राएं दमयन्ती, सजनी, सगनी, धनी एवं गीता ने विदार्इ गीत प्रस्तुत किया। छात्रावास के जूनियर विधार्थियों ने अपने सीनियर विधार्थियों को माल्र्यापण, तिलक एवं मुंह मीठा करवाकर विदार्इ दी।
इस अवसर पर मेघाराम पोटलिया द्वारा किसान कन्या छात्रावास को एक लाख रूपयें नकद तथा डा रमन चौधरी एवं विरेन्द्र कुमार डऊकिया ने एक-एक कम्प्यूटर सेट देने की घोषणा की। इस अवसर पर प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर धनराज जोशी, तरूणराय कागा, वैध वल्लभ शास्त्री, करनाराम एडवोकेट, जोरसिंह चौधरी, उदाराम मेघवाल, जोगेद्रसिंह चौहान, तेजराज कपूरिया, रामसिंह बोथियां, डा. लक्ष्मीनारायण जोशी, हरीश जांगिड़, पुरूषोतम सोंलकी सहित कर्इ गणमान्य नागरिक उपसिथत थें। प्रो. पी. आर. चौधरी ने सभी पधारें हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया एवं कार्यक्रम का संचालन डा. जसवन्तसिंह मायला ने किया।
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