"शिव,हनुमान की पूजा धार्मिक कार्य नहीं"
नई दिल्ली। भगवान शिव,हनुमान और मां दुर्गा किसी धर्म विशेष से जुड़े हुए नहीं हैं। इनको यूनिवर्स के सुपर नेचुरल पावर्स के रूप में माना जाता है।
यह कहना है कि इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल का। इनकम टैक्स कमिश्नर ने नागपुर के शिव मंदिर देवस्थान पंच कमेटी संस्थान को टैक्स पर छूट देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि मंदिर ने 5 प्रतिशत से ज्यादा रकम धार्मिक गतिविधियों पर खर्च की है।
इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक टैक्स पर छूट तभी मिल सकती है जब संस्थान या ट्रस्ट का मकसद किसी धर्म,जाति या वर्ग को सीधा-सीधा फायदा पहुंचाना न हो। इनकम टैक्स कमिश्नर के फैसले के खिलाफ मंदिर संस्थान ने ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया,जिसने आईटी कमिश्नर के ऑर्डर को खारिज कर दिया।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि भगवान शिव,हनुमान,मां दुर्गा की पूजा और मंदिर के रख-रखाव पर आया खर्च धार्मिक कायोंü में हुआ खर्च नहीं कहा जा सकता। हिन्दुत्व कभी कोई धर्म या समुदाय नहीं रहा है।
इसमें कई सारे समुदाय के लोग अलग-अलग तरीकों से अलग-अलग देवताओं को पूजते हैं। यहां तक कि हिन्दू जीवन शैली में इतनी आजादी है कि भगवान की पूजा करना भी जरूरी नहीं है।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि समुदाय में एक ही जगह पर रहने वाले लोग एक ही तरह के कानूनों और नियमों का पालन करते हैं। ये सब क्रिश्चियनिटी और इस्लाम पर लागू होता हैए लेकिन हिन्दुत्व पर नहीं।
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