फागोत्सव में बही आस्था की सरिता
बाड़मेर गोलेच्छा ग्राउंड में बीते कई दिनों से चल रही नैनी बाई रो मायरो कथा आयोजन के दौरान गुरुवार को फागोत्सव मनाया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने गुलाल, अबीर और गुलाब के फूलों की बहार कर श्रद्धा कर फागोत्सव मनाया। नरसी भगवान की कथा का वाचन करते हुए संत मुरलीधर महाराज ने कहा कि नैनी बाई के ससुराल में कन्या जन्म के बाद लोगों ने ताने मारने शुरू कर दिए कि उसके पिता ने इस बालिका के लिए कुछ भी नहीं किया। जिस पर नैनी बाई ने पिता नरसी को उलाहना दिया। इस पर नरसी ने अपनी खड़ाऊ को गिरवी रखा। नरसी की विनती पर भगवान कृष्ण ने फिर कृपा बरसाई।
फागोत्सव के दौरान राधा और कृष्ण का रूप धरे बालक-बालिकाओं को गुलाब के फूलों से फागोत्सव मनाया। बुधवार देर रात गोलेच्छा ग्राउंड में आयोजित भजन संध्या में गायक सवाई माली ने भगवान कृष्ण, भगवान गणेश, मीरा बाई, रामदेवजी सहित कई देवी-देवताओं के भजनों की प्रस्तुति दी जिसे सुनकर श्रद्धालु झूम उठे।
माहेश्वरी भवन में भी मनाया फागोत्सव
माहेश्वरी महिला मंडल की अध्यक्ष आशा राठी ने बताया कि माहेश्वरी भवन नंबर दो में श्रद्धा व उल्ला से फागोत्सव मनाया गया। मंडल सचिव सुधा डांगरा ने बताया कि कार्यक्रम के प्रारंभ में फाल्गुनी भजनों की प्रस्तुति दी गई। अबीर-पुष्प वर्षा के साथ मनोहरी राठी, श्वेता मूथा, मंजू बिड़ला व मंजू चंडक ने कृष्ण-राधा के संग रास नृत्य किया। इस दौरान कृष्ण-राधा की झांकी ने भक्तों का मनमोह लिया। कार्यक्रम के दौरान 'होली का हुड़दंग' मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। फागुन की पारंपरिक शायरी, होली के चुटकले के साथ 'फाल्गुन क्वीन' प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। विजेता को फाल्गुन क्वीन का ताज पहनाया गया।इस मौके पर आरती व प्रसाद का वितरण किया गया।
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