गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

रिश्वत के साथ लड़कियों का इस्तेमाल

रिश्वत के साथ लड़कियों का इस्तेमाल
नई दिल्ली। इटली की कंपनी ने भारत से हेलीकॉप्टरों का सौदा करने के लिए हर हथकंडा अपनाया। उसने भारतीय नेताओं के लिए 12 अगस्ता वेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टर का सौदा करने के लिए लड़कियों का भी इस्तेमाल किया। एक समाचार पत्र ने इटली की कोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट के हवाले से यह खबर दी है।

समाचार पत्र के मुताबिक बिचौलियों ने पूर्व वायुसेना अध्यक्ष पीसी त्यागी तक पहुंच के लिए लड़कियों का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक दलाल गाइडो हैश्के पूर्व वायुसेना अध्यक्ष से 6-7 बार मिला था। यह मुलाकात 2005 से 2007 के दौरान हुई थी। उस वक्त त्यागी वायुसेना प्रमुख थे।

दो बार मुलाकात उनके रिश्तेदारों के दफ्तर में और एक बार बेंगलुरू एयर शो में हुई थी,जिसका आयोजन हर दो साल पर होता है। यह त्यागी के उस दावे के बिल्कुल उलट है जिसमें उन्होंने माना था कि उनकी मुलाकात उस व्यक्ति से एक बार हुई थी जिसे इस सौदे में दलाल बताया जा रहा है।

जांचकर्ताओं की रिपोर्ट के मुताबिक त्यागी परिवार को करीब 70 लाख रूपए की रिश्वत दी गई। दलाली की बाकी रकम आईडीएस इंडिया नामक कंपनी ने सर्विस कॉन्ट्रैक्ट के जरिए संबंधित लोगों तक पहुंचाई। इटली की कोर्ट में बिचौलियों की बातचीत का ब्योरा पेश किया गया है। इसके मुताबिक दलालों ने अपनी गर्लफ्रेंड्स के जरिए त्यागी के रिश्तेदारों से संपर्क साधा। खासकर जूली त्यागी से जिसे इस मामले में रकम दिए जाने का दावा किया जा रहा है।

त्यागी परिवार के सदस्यों और बिचौलियों के बीच दोस्ती की शुरूआत 2001 में हुई थी जब कार्लो गेरोसा इटली में एक शादी में जूली से मिला था। 2000-01 में ही भारतीय वायुसेना ने अतिविशिष्ट लोगों के लिए वीआईपी हेलिकॉप्टर की मांग रखी थी।

जांतकर्ताओं ने त्यागी के रिश्तेदारों जूली,डोस्का और संदीप की पहचान उन मध्यस्थों के रूपए में की है जिन्होंने फिनमेकेनिका को 3600 करोड़ रूपए की हेलिकॉप्टर डील दिलाने में मदद की। जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि जब अगस्ता-वेस्टलैंड को लगा कि वह डील से बाहर हो सकती है तो कंपनी ने कार्लो और उसके बॉस राल्फ से संपर्क साधा। ये दोनों एस.पी.त्यागी के रिश्तेदारों से परिचित थे।

दरअसल अगस्ता-वेस्टलैंड के हेलिकॉप्टर 18000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान नहीं भर सकते जबकि वीआईपी हेलिकॉप्टर के लिए निकाले गए टेंडर में यह शर्त रखी गई थी। बाद में टेंडर में बदलाव करके हेलिकॉप्टर की उड़ान क्षमता घटाकर 15 हजार फीट कर दी गई। इससे अगस्ता-वेस्टलैंड को फायदा हुआ और डील उसे मिल गई।

इटली में इस सौदे की जांच के दौरान बताया गया है कि दलाली के प्रभाव में आकर भारतीय वायुसेना ने न सिर्फ हेलिकॉप्टर की अधिकतम ऊंचाई में उड़ने की क्षमता की शर्त में बदलाव किया बल्कि इंजन बंद हो जाने की स्थिति में उड़ान की जांच की शर्त जोड़ दी गई। टेंडर में शामिल हेलिकॉप्टरों में फिनमेकेनिका का हेलिकॉप्टर ही तीन इंजन वाला था।

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