शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

यह पाकिस्तानी चुटकियों में करता बॉर्डर पार, टीलों में छुपता और...





बाड़मेर क्षेत्र उसके लिए भारत आने का आसान रास्ता है। सीमा पर वह रेत की टीलों में छिपा रहता और फौज का मूवमेंट कम होते ही कई किलोमीटर पैदल चलकर राजस्थान के सड़क मार्ग तक पहुंच जाता। वहां से बसों में सफर करते हुए मंदसौर आ जाता। यहां आकर वह आपराधिक गतिविधियों से जुड़ जाता। बॉर्डर पार करना उसके लिए मानो खेल सा हो गया था। उसे परमिशन मिले अथवा ना मिले वह जब मन हो भारतीय सीमा में होता था। पुलिस ने रिमांड पर लेकर आरोपी से पूछताछ की है। रिमांड पूरी होने पर उसे जेल भेज दिया गया है। आरोपी को अधिकतम पांच साल की सजा हो सकती है। सजा पूरी होने पर उसे पुन: पाकिस्तान भेजने की कार्रवाई की जाएगी।


यह कहानी हैं 80 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक यासीन पिता गुलाब खां की। उसे पुलिस ने मदारपुरा क्षेत्र से पकड़ा। 2005 में वह 90 दिनों का वीजा लेकर यहां आया था। समय सीमा समाप्त होने पर उसने पाकिस्तान जाने के लिए कागज भी तैयार कराए थे, लेकिन किसी भी सीमा से अधिकृत तौर पर पाकिस्तान में प्रवेश नहीं किया। सुरक्षा एजेंसियों ने पड़ताल की, लेकिन यासीन नहीं मिला, उसने आठ साल मंदसौर में निकाल दिए।पुलिस के हत्थे चढऩे पर यासीन की कई कहानियां सामने आई। वह आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था। वह अमृतसर में मादक पदार्थ की बड़ी खेप के साथ पकड़ाया था। इसके बाद उसे पाकिस्तान छोड़ दिया गया, लेकिन वह फिर भी भारत आता रहा। भले उसे सरकार परमिशन दे या न दें। परमिशन मिलने के बाद वह लौटने को तैयार नहीं होता।


बिगड़े हालात से एजेंसियों ने खड़े किए हाथ : हाल ही में हेमराज सहित दो भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव की स्थिति में सुरक्षा एजेंसियों ने यासीन को पाकिस्तान भेजने के लिए हाथ खड़े कर दिए। अनधिकृत तौर पर अधिकारियों ने बताया यासीन के पकडऩे के बाद सभी एजेंसियों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने प्रकरण दर्ज करने की बात कही।जिले में कई ऐसे परिवार हैं, जिनकी रिश्तेदारी पाकिस्तान में है। ऐसे में हर साल 10 से 12 लोग मंदसौर आते हैं। वीजा खत्म होने पर चले जाते हैं। कुछ सालों में ऐसे वाकये हुए हैं, जिनमें वीजा खत्म होने के बाद वे नहीं लौटे। इस पर पुलिस ने पकड़कर उन्हें पाकिस्तान भिजवाया। इनमें यासिन का नाम प्रमुख है तो वलीराम व केवलसिंह सिंधी को 1998 में पाकिस्तान भेजा।उसी साल नीमच के मुजफ्फर अली को भी पाकिस्तान भेजा गया तब नीमच-मंदसौर जिले में ही शामिल था। नीमच की ही एक लड़की रामपुरा के एक बोहरा के साथ पाकिस्तान से यहां आ गई थी, उसे कागजी कार्रवाई कर पाकिस्तान भेजा गया।


जांच में स्पष्ट होगी अन्य चीजें : यासीन आठ साल से यहीं अवैध तरीके से रह रहा था। उसे पकड़ा है। पूछताछ की जा रही है। तस्करी व मारपीट जैसे मामलों में उसका नाम सामने आया है। इसके दस्तावेज निकलवा रहे हैं। वर्तमान में ऐसे कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है कि कोई पाकिस्तानी नागरिक अवैध रूप से जिले में रहा हो।- सुनील मेहता, एएसपी, मंदसौर

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