बदलेंगे भाजपा के जिलाध्यक्ष!
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी में नए प्रदेशाध्यक्ष के कमान संभालने के बाद अब लंबे समय से विवादित चल रहे नौ जिलाध्यक्षों का फैसला हो सकता है। माना जा रहा है कि इन पदों पर नई नियुक्तियां होंगी। गौरतलब है कि तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी के कार्यकाल में प्रदेश के नौ जिलों के जिलाध्यक्ष को लेकर काफी बवाल हुआ था।
इसी विवाद के चलते लंबे समय तक नौ जिलों के जिलाध्यक्ष घोçष्ात नहीं किए जा सके थे। प्रदेशाध्यक्ष ने सबसे बाद में इन जिलों के जिलाध्यक्ष घोçष्ात किए थे। इसके बाद भी इनका जिलों में जमकर विरोध हुआ था। यह विवाद जिलों से दिल्ली तक पहुंच गया था। स्थानीय नेताओं ने भी इन जिलाध्यक्षों के कार्यक्रमों का अघोçष्ात बहिष्कार तक कर दिया था।
यहां पर हो सकते हैं बदलाव
जयपुर,दौसा,झालावाड़,सवाईमाधोपुर सहित नौ जिलों के जिलाध्यक्ष को लेकर सबसे अधिक विवाद रहा था। इन क्षेत्रों के विधायक इस विष्ाय पर संगठन से लगातार मांग करते रहे हैं। जयपुर में तो चार विधायकों ने श्ौलेंद्र भार्गव को शहर अध्यक्ष तक मानने से इंकार कर दिया था। ऎसे में इन जिलों में बदलाव की संभावना बताई जा रही है।
प्रदेश कार्यकारिणी पर टिकी नजरें
दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय परिष्ाद की बैठक 2 और तीन मार्च को होनी है। इस बैठक में प्रदेश से प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, मोर्चा प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष भी शामिल होंगे।
जानकारों के मुताबिक चतुर्वेदी के त्यागपत्र के बाद पुरानी कार्यकारिणी के स्थान पर नई कार्यकारिणी बननी है। नए पदाधिकारी ही राष्ट्रीय परिष्ाद में जाएंगे। पार्टी के कुछ लोगों का मानना है नए कार्यकारिणी का गठन नहीं होने तक पुरानी कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी में नए प्रदेशाध्यक्ष के कमान संभालने के बाद अब लंबे समय से विवादित चल रहे नौ जिलाध्यक्षों का फैसला हो सकता है। माना जा रहा है कि इन पदों पर नई नियुक्तियां होंगी। गौरतलब है कि तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी के कार्यकाल में प्रदेश के नौ जिलों के जिलाध्यक्ष को लेकर काफी बवाल हुआ था।
इसी विवाद के चलते लंबे समय तक नौ जिलों के जिलाध्यक्ष घोçष्ात नहीं किए जा सके थे। प्रदेशाध्यक्ष ने सबसे बाद में इन जिलों के जिलाध्यक्ष घोçष्ात किए थे। इसके बाद भी इनका जिलों में जमकर विरोध हुआ था। यह विवाद जिलों से दिल्ली तक पहुंच गया था। स्थानीय नेताओं ने भी इन जिलाध्यक्षों के कार्यक्रमों का अघोçष्ात बहिष्कार तक कर दिया था।
यहां पर हो सकते हैं बदलाव
जयपुर,दौसा,झालावाड़,सवाईमाधोपुर सहित नौ जिलों के जिलाध्यक्ष को लेकर सबसे अधिक विवाद रहा था। इन क्षेत्रों के विधायक इस विष्ाय पर संगठन से लगातार मांग करते रहे हैं। जयपुर में तो चार विधायकों ने श्ौलेंद्र भार्गव को शहर अध्यक्ष तक मानने से इंकार कर दिया था। ऎसे में इन जिलों में बदलाव की संभावना बताई जा रही है।
प्रदेश कार्यकारिणी पर टिकी नजरें
दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय परिष्ाद की बैठक 2 और तीन मार्च को होनी है। इस बैठक में प्रदेश से प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, मोर्चा प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष भी शामिल होंगे।
जानकारों के मुताबिक चतुर्वेदी के त्यागपत्र के बाद पुरानी कार्यकारिणी के स्थान पर नई कार्यकारिणी बननी है। नए पदाधिकारी ही राष्ट्रीय परिष्ाद में जाएंगे। पार्टी के कुछ लोगों का मानना है नए कार्यकारिणी का गठन नहीं होने तक पुरानी कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
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