शनिवार, 5 जनवरी 2013

निर्मल भारत के लिए समन्वित प्रयास जरूरीः मदनकौर



निर्मल भारत के लिए समन्वित प्रयास जरूरीः मदनकौर

जिला परिषद सभागार में आयोजित हुई निर्मल भारत अभियान की जिला स्तरीय कार्यशाला।
बाड़मेर, 05 जनवरी। निर्मल भारत बनाने के लिए जन प्रतिनिधियों एवं जागरूक लोगों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। यह अभियान तभी सफल हो पाएगा,जब हर घर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता होगी। जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर ने बाड़मेर जिला परिषद सभागार में निर्मल भारत अभियान की एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्याला को संबोधित करते हुए यह बात कही।

जिला प्रमुख श्रीमती मदनकौर ने कहा कि निर्मल ग्राम की अवधारणा उपयोगी है। मौजूदा समय में परिस्थितियों में खासा बदलाव आया है। ग्रामीण विकास योजनाओं में शौचालय की सुविधा को भामिल किया जाने लगा है। ऐसे में लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है। ग्राम पंचायतें इसके लिए पर्याप्त तादाद में प्रस्ताव भिजवाए,ताकि भाौचालय निर्माण की स्वीकृतियां जारी की जा सके। जिला प्रमुख ने बाड़मेर जिले के लिए विोषज्ञों के जरिए भाौचालय निर्माण के लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप माडल तैयार करने की जरूरत जताई। उन्होंने निर्मल भारत अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों को निर्मल पुरस्कार के लिहाज से उत्कृष्ट कार्य करना चाहिए। उन्होंने जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए अधिकाधिक प्रचारप्रसार करने की जरूरत जताई।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप हर घर में भाौचालय निर्माण होना चाहिए। बाड़मेर जिले में आवासीय योजनाओं में 18 हजार मकान स्वीकृत हुए हैं। इनमें पहल करते हुए अनिवार्य रूप से भाौचालय निर्माण कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत भाौचालय निर्माण के लिए राि उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने ग्राम पंचायतों को इसके लिए तत्काल प्रस्ताव भिजवाने को कहा। गुगरवाल ने कहा कि साफसफाई केवल स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा ही नहीं है, बल्कि यह जीवन, जीविकोपार्जन और इन सबसे ऊपर मानवीय गरिमा को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए सरकार निर्मल भारत अभियान चला रही है। इसके तहत घरों, स्कूलों आदि में शौचालयों का निर्माण कराया जाता है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अस्वच्छता गंभीर चुनौती बनी हुई है। निर्मल ग्राम से आशय ऐसे गांव से है जहां खुले में शौच पूरी तरह से बंद हो गया हो। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए निर्मल भारत अभियान (एनबीए) शुरू किया गया है। स्वच्छता की दिशा में एनबीए की मां वर्ष 2022 तक भारत में खुले में शौच पर पूरी तरह रोक लगाने की है।

इस दौरान संदर्भ व्यक्ति रमो धारू ने कहा कि विश्व में खुले में शौच करने वाले लोगों में 60 फीसदी भारतीय हैं। इस सबसे पूरे विश्व में भारत की गंदी तस्वीर उभरती है। उन्होंने कहा कि गंदे शौचालयों के कारण स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान होता है। भारत में हर साल 5 साल से छोटे 45 लाख बच्चे मौत के मुंह में समा जाते हैं और इसका प्रमुख कारण है गंदगी के कारण फैलने वाला हैजा तथा अन्य संक्रामक रोग। कुपोषण, जिसे माननीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शर्म कहा था, का सीधा संबंध साफसफाई की खराब व्यवस्था और गंदे वातावरण से है। खुले में मल त्याग महिलाओं का अपमान है और उनके स्वाभिमान पर खुली चोट है। 2011 की जनगणना के अनुसार, केवल 32.7 फीसदी घरों में ही शौचालयों की सुविधा उपलब्ध है। अगर हमें इस दिशा में सफलता हासिल करनी है तो अधिक तेजी से अधिक काम करना होगा। इस दौरान संदर्भ व्यक्ति मदनलाल जीनगर ने स्वच्छता के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि खुले में शौच नहीं जाना चाहिए, क्योकिं इससे अनेक बीमारियां जैसे हैजा, पेचिस, पोलियों, टाइफाईड जैसी घातक बीमारियां फैलती हैं। खाने से पहले हाथों को साबुन से धोने जैसी छोटीछोटी बातों को ध्यान में रखकर व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है।

चौहटन प्रधान समा बानो ने कहा कि निर्मल भारत अभियान की सफलता के लिए बहुत सी परम्पराओं और कुरीतियों को तोड़ना होगा। विभिन्न समुदायों की भागीदारी ब़ानी होगी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वच्छता का विशेष महत्व है। स्वच्छता अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है और एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में स्वच्छता अपनाने के साथ अन्य लोगों को भी इसके लिए पे्ररित करना चाहिए। जिला स्तरीय कार्यशाला में शिव प्रधान गंगासिंह, बालोतरा प्रधान जमनादेवी, सिवाना प्रधान मालाराम भील, सहायक अभियंता अशोक गोयल,रामलाल हुडा, समेत कई अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस कार्यशाला में स्वच्छता पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई।




महात्मा गांधी नरेगा में 7 करोड़ के कार्य स्वीकृत

बायतू, सिणधरी एवं धोरीमन्ना पंचायत समिति की विभिन्न ग्राम पंचायतों में टांका, ग्रेवल सड़क एवं नाडी खुदाई के कार्य स्वीकृत किए गए हैं।

बाड़मेर, 05 जनवरी। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत बायतू, धोरीमन्ना एवं सिणधरी पंचायत समिति में 7 करोड़ के विकास कार्य स्वीकृत किए गए हैं। संबंधित ग्राम पंचायतों को तत्काल कार्य प्रारंभ करवाकर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्दो दिए गए हैं।

अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि सिणधरी पंचायत समिति की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 2 करोड़ 74 लाख 32 हजार के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। उनके अनुसार एड सिणधरी ग्राम पंचायत में टांका निर्माण के 37 कार्य, कानड़ी नाडी एवं इन्दू नाडा खुदाई कार्य के लिए 72.81 लाख के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। सरली ग्राम पंचायत में टांका निर्माण के 30 कार्य एवं ग्रेवल सड़क सताणी नेहरो की ाणी से जाणियो की ाणी तक 3 किमी के लिए 72.46 लाख, लोलावा ग्राम पंचायत में टांका निर्माण के 14 कार्य कुल लागत 20.30 लाख तथा नोसर ग्राम पंचायत में टांका निर्माण के 63 कार्य लागत 91.35 लाख, गोलिया जेतमाल में टांका निर्माण के 12 कार्य लागत 17.40 लाख की स्वीकृति जारी की गई हैं। गुगरवाल ने बताया कि धोरीमन्ना पंचायत समिति की सोनड़ी ग्राम पंचायत में ग्रेवल सड़क के तीन कार्य, मिटटी का कच्चा बंधा तथा टांका निर्माण के 23 कार्यों के लिए 69.98 लाख तथा पीपराली ग्राम पंचायत में बंधा निर्माण कार्य सियोलो का डेर द्वितीय 11.17 लाख, नाडी विस्तार पीपराली खरड़ 11.90 लाख,बंधा निर्माण भाखरो के खेत के पास गुंदेलिया धोरा 11.17 लाख तथा नगर ग्राम पंचायत में खंरजा सड़क आम चौहटा वाया स्वामियो का वास मेगा हाइवे नया नगर के लिए 22.38 लाख की स्वीकृति जारी की गई है।

गुगरवाल ने बताया कि बायतू पंचायत समिति की हीरा की ाणी ग्राम पंचायत में टांका निर्माण के 77 कार्य, राउप्रावि मुकनाराम की ाणी, राप्रावि जोगदयाल का स्थान एवं राउप्रावि हदोणियो की ाणी खेल मैदान समतलीकरण के लिए कुल 118.31 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। इसी तरह सिगोड़िया ग्राम पंचायत में टांका निर्माण के 42 कार्य लागत 61.32 लाख, भाहर ग्राम पंचायत में टांका निर्माण के 37 कार्य कुल लागत 54.02 लाख, बायतू भीमजी ग्राम पंचायत में टांका निर्माण के दो कार्य, गे्रवल सड़क बनिया धोरा सड़क से सुथारो की ाणी 14.83 लाख, ग्रेवल सड़क धारासर का तला से मेघवालों की बस्ती 38.94 लाख, गे्रवल सड़क निर्माण माचरो की ाणी 23.31 लाख कुल 80 लाख तथा छीतर का पार ग्राम पंचायत में गे्रवल सड़क छीतर रोड़ से मेगोणी जाखड़ो की ाणी के लिए 8.02 लाख की स्वीकृति जारी की गई है।

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