लड़कियों को बॉयज होस्टल भेजा जाता था
भोपाल। महिलाओं के खिलाफ सामने आ रहे नित नए अपराधों में एक और मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश में नबालिग लड़कियों के कल्याण के लिए कार्यरत एक एनजीओसजा के तौर पर बच्चियों को रहने के लिए लड़कों के हॉस्टल भेजता था। राज्य के सीहोर स्थित एनजीओ ब्राइट स्टार सोशियल सोसायटी में यह सजा महीनों से दी रही थी तथा इन लड़कियों में कई मानसिक रूप से कमजोर हैं।
भोपाल से सटे सिहोर जिले के मंडी क्षेत्र में मंगलवार को स्टेट कमिशन फॉर चाइल्ड राइट्स (एससीपीसीआर) की टीम ने छापा मारा। करीब-कारीब सारी लड़कियां इतनी आतंकित थीं कि वे बात करने की स्थिति में भी नहीं थीं। जब भी वे कोई गलती करतीं या सुविधाओं को लेकर अधिकारियों से शिकायत करतीं उन्हें सजा के तौर पर बॉयज होस्टल में रहने को भेजा जाता।
एक लड़की ने एससीपीसीआर की टीम को बताया कि सीनियर मैडम को जब भी लगता कि हमने कोई गलती की है और सजा देनी चाहिए,हमें लड़कों के हॉस्टल भेजा जाता। हमसे गंदे काम कराए जाते। अक्सर हमें पीटा जाता। एक और अक्षम लड़की से पूछताछ की गई तो एक भी शब्द बोले बिना वह रो पड़ी।
एससीपीसीआर टीम को एनजीओ की जांच में कई अनियमितताएं मिलीं। साथ ही रिकॉर्ड में 48 लड़कियां हॉस्टल में रह रही थीं जबकि टीम को 30 लड़कियां ही मिलीं। एनजीओ के सचिव अवनीश जाफरी ने टीम को बताया कि शेष 18 लड़कियां दिवाली की छुटि्टयों के बाद से ही नहीं लौटी हैं। टीम ने पाया कि सभी 30 लड़कियों को 11 बाय 11 फीट के एक कमरे में रखा गया था।
एक अखबार के अनुसार जिला प्रशासन ने एनजीओ द्वारा संचालित होस्टल का लाइसेंस निरस्त कर दिया था लेकिन इसके संचालकों संगीता व इरशाद जाफरी के खिलाफ मामूली कार्रवाई ही की गई। जिला कलेक्टर कविन्द्र कियावत के अनुसार एनजीओ को तीन दिन में होस्टल खाली करने को कहा गया है। कियावत ने लड़कियों के यौन शोषण की बात से इनकार किया है।
पूछताछ में अवनीश ने बताया कि 15 दिन पहले वह एक लड़की को बिस्तर गीला करने पर लड़कों के होस्टल ले गया था लेकिन वहां छोड़ कर नहीं आया।
भोपाल। महिलाओं के खिलाफ सामने आ रहे नित नए अपराधों में एक और मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश में नबालिग लड़कियों के कल्याण के लिए कार्यरत एक एनजीओसजा के तौर पर बच्चियों को रहने के लिए लड़कों के हॉस्टल भेजता था। राज्य के सीहोर स्थित एनजीओ ब्राइट स्टार सोशियल सोसायटी में यह सजा महीनों से दी रही थी तथा इन लड़कियों में कई मानसिक रूप से कमजोर हैं।
भोपाल से सटे सिहोर जिले के मंडी क्षेत्र में मंगलवार को स्टेट कमिशन फॉर चाइल्ड राइट्स (एससीपीसीआर) की टीम ने छापा मारा। करीब-कारीब सारी लड़कियां इतनी आतंकित थीं कि वे बात करने की स्थिति में भी नहीं थीं। जब भी वे कोई गलती करतीं या सुविधाओं को लेकर अधिकारियों से शिकायत करतीं उन्हें सजा के तौर पर बॉयज होस्टल में रहने को भेजा जाता।
एक लड़की ने एससीपीसीआर की टीम को बताया कि सीनियर मैडम को जब भी लगता कि हमने कोई गलती की है और सजा देनी चाहिए,हमें लड़कों के हॉस्टल भेजा जाता। हमसे गंदे काम कराए जाते। अक्सर हमें पीटा जाता। एक और अक्षम लड़की से पूछताछ की गई तो एक भी शब्द बोले बिना वह रो पड़ी।
एससीपीसीआर टीम को एनजीओ की जांच में कई अनियमितताएं मिलीं। साथ ही रिकॉर्ड में 48 लड़कियां हॉस्टल में रह रही थीं जबकि टीम को 30 लड़कियां ही मिलीं। एनजीओ के सचिव अवनीश जाफरी ने टीम को बताया कि शेष 18 लड़कियां दिवाली की छुटि्टयों के बाद से ही नहीं लौटी हैं। टीम ने पाया कि सभी 30 लड़कियों को 11 बाय 11 फीट के एक कमरे में रखा गया था।
एक अखबार के अनुसार जिला प्रशासन ने एनजीओ द्वारा संचालित होस्टल का लाइसेंस निरस्त कर दिया था लेकिन इसके संचालकों संगीता व इरशाद जाफरी के खिलाफ मामूली कार्रवाई ही की गई। जिला कलेक्टर कविन्द्र कियावत के अनुसार एनजीओ को तीन दिन में होस्टल खाली करने को कहा गया है। कियावत ने लड़कियों के यौन शोषण की बात से इनकार किया है।
पूछताछ में अवनीश ने बताया कि 15 दिन पहले वह एक लड़की को बिस्तर गीला करने पर लड़कों के होस्टल ले गया था लेकिन वहां छोड़ कर नहीं आया।
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