नई दिल्ली । दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने स्वीकार किया है कि गैंगरेप के बाद उपजे आक्रोश को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक हफ्ते बाद की बजाय थोड़ा पहले देश को संबोधित करना चाहिए था। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस बल उतना संवेदनशील या जिम्मेदार और उतना शिष्ट नहीं है, जितना उसे होना चाहिए।
शीला ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि व्यवस्था में बदलावकिया जाना चाहिए और इस पर विचार किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात को मानने से इनकार किया कि सरकार ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा और स्थिति पर नियंत्रण के लिये तुरंत कार्रवाई नहीं की। शीला ने कहा कि सरकार ने फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित करने एवं न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति बनाने में काफी तेजी दिखाई।
मामले में पुलिस आयुक्त की भूमिका और उन्हें हटाए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस आयुक्त को नियुक्त करना या उन्हें हटाना मेरा काम नहीं है। यह गृह मंत्रालय का काम है और मुझे भरोसा है कि वे कुछ करेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन राजनेताओं, नौकरशाही, न्यायपालिका, पुलिस और सभी लोगों के लिए एक चुनौती है।
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