शुक्रवार, 11 जनवरी 2013
सरहदें गूंजा रही विकास का संगीत
सरहदें गूंजा रही विकास का संगीत
मरुथल में सीमा क्षेत्रीय बुनियादी सुविधाओं ने पाया विस्तार
- डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर
भारत की पश्चिमी सरहद पर बसे राजस्थान के जैसलमेर जिले में सीमावर्ती, दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं व सुविधाओं तथा आम आदमी के लिए जरूरी संसाधनों की उपलब्धता की दृष्टि से हाल के वर्षो में खूब प्रयास हुए हैं।
सरहदी क्षेत्र होने की वजह से भारतवर्ष की इस पश्चिमी सरहद का विशेष सामरिक महत्त्व है। इस सरहद की रक्षा तथा सैन्य गतिविधियों की दृष्टि से जरूरी सुविधाओं का होना इन रेतीले क्षेत्रों मे पीढ़ियों से चले आ रहे जन-जीवन तथा सेना के जवानों के लिए नितांत आवश्यक है।
इसी को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है।
ख़ासकर पिछले 4 वर्ष में जैसलमेर जिले के सरहदी क्षेत्रों में कई प्रकार के निर्माण कार्य हुए हैं जिनकी वजह से मीलों पसरी रेगिस्तानी सरहद पर जीवनयापन अपेक्षाकृत आसान हुआ है। जिले में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बी.ए.डी.पी) के अंतर्गत सीमावर्ती क्षेत्रों में भवनों, सड़काें,पेयजल संरचनाओं आदि के बेहतर कार्य हुए हैं जिनका लाभ सरहदी क्षेत्रों के ग्रामीणों व सैन्य गतिविधियों को मिल रहा है।
सीमा सुरक्षा बल दक्षिणी कमान द्वारा सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष2010-11 में मिनी एम.आई. भवन (शीत कक्ष सहित) का निर्माण बीओपी कारटा में करवाया गया है। कुल 60 लाख की लागत से बने इस भवन का लाभ ग्राम पंचायत धनाना एवं हरनाउ के मूमल, कारटा, मुरार एवं धनाना को मिल रहा है तथा यह सेना के उपयोग में आ रहा है।
इसी प्रकार शून्य आर.डी. भारेवाला से काबुल की ढांणी तक 2 किलोमीटर की बीटी सड़क का निर्माण वित्तीय वर्ष 2010-11 में किया गया है। भारेवाला ग्राम में निर्मित यह सड़क सार्वजनिक निर्माण विभाग, प्रथम खण्ड, जैसलमेर द्वारा बनाई गई है व इस पर 31 लाख रुपए की धनराशि खर्च हुई है।
रेतीली सरहद पर सड़क सुविधाओं व उपयोगी भवनों के साथ ही सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम में पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सरहदी इलाकों में पेयजल के लिए दूरगामी ठोस योजनाओं पर बल दिया गया है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा ग्राम पंचपात लूणार के गुंजनगढ़ गांव में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम में 15 लाख की धनराशि से स्थापित ट्यूब वैल एवं पम्प रूम क्षेत्र में जलप्रदाय गतिविधियों की धुरी बना हुआ है।
इसी प्रकार सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत ही रामगढ़ ग्राम पंचायत के तनोट गांव में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा 6.32 लाख की लागत से स्वच्छ जलाशय स्थापित कर पाईप लाईन के जरिये पानी पहुँचाया जा रहा है। सरहदी क्षेत्रों घण्टियाली एवं तनोट में सीमा क्षेत्र विकास गतिविधियों के अन्तर्गत हुए पेयजल संबंधित कार्यों ने क्षेत्रीय ग्रामीणों को राहत का अहसास कराया है वहीं मवेशियों के लिए भी पानी की समस्या हल हुई है।
सरहदी जिले जैसलमेर में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सीमाई क्षेत्र विकास गतिविधियों ने सरहदी क्षेत्र में रहने वाले लोगों व सैन्य कर्मियों को सहूलियतों का अहसास कराया है।
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