मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होगा। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करता है किंतु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। यह प्रवेश क्रिया छ:-छ: माह के अंतराल पर होती है। पंडित दयानन्द शास्त्री (मब।-09024390067) के अनुसार भारत उत्तरी गोलाद्र्ध में स्थित है। मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलाद्र्ध में होता है अर्थात भारत से दूर होता है। इसी कारण यहां रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा सर्दी का मौसम होता है, किंतु मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध की ओर आना शुरू हो जाता है। अत: इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं तथा गरमी का मौसम शुरू हो जाता है। दिन बड़ा होने से प्रकाश अधिक होता है तथा रात्रि छोटी होने से अंधकार पंडितअत: मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतनता एवं कार्यशक्ति में वृद्धि होती है। ऐसा जानकर संपूर्ण भारतवर्ष में लोगों द्वारा विविध रूपों में सूर्यदेव की उपासना, आराधना एवं पूजन कर, उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की जाती है। पंडित दयानन्द शास्त्री (मब।-09024390067) के अनुसार यदि आप धन की कमी से परेशान हैं तो अब वह समय आ गया है जब आपकी यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो सकती है। आपको सिर्फ मकर संक्रांति(14 जनवरी, सोमवार) की रात को नीचे लिखा टोटका करना है। यह टोटका इस प्रकार है- टोटका------- मकर संक्रांति की रात्रि में एकांत में लाल वस्त्र पहन कर बैठें। सामने दस लक्ष्मीकारक कौडिय़ां रखकर एख बड़ा तेल का दीपक जला लें और प्रत्येक कौड़ी को सिंदूर से रंग हकीक माला से इस मंत्र की पांच की पांच माला मंत्र जप करें मंत्र----- ऊँ ह्रीं श्रीं श्रियै फट् इस प्रयोग से लक्ष्मी शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती है और आपके जीवन में फिर कभी धन की कमी नहीं होती।
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