गुरुवार, 31 जनवरी 2013

नए जमाने की खेती से समृद्धि ला रही हैं हवाकँवर


मरुथल में पसरा हरियाली का पैगाम,  हवाएँ गा रही हैं समृद्धि के गीत
नए जमाने की खेती से समृद्धि ला रही हैं हवाकँवर
डॉदीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर


            

मन में कुछ करने का संकल्प हो और सुदृढ़ इच्छा शक्ति से कर्मयोग को साकार करने की भावना हो तो किसी भी तरह बदलाव लाना कोर्इ्रमुश्किल काम नहीं है। मरुस्थलीय जैसलमेर जिले की एक काश्तकार श्रीमती हवाकँवर ने खेती-बाड़ी को जीवन का लक्ष्य मानकर जो कुछ किया है वहअनुकरणीय व सराहनीय है।


इस महिला कृषक ने खेती के क्षेत्र में अपने कर्मयोग को इतना साकार कर दिखाया है कि श्रम से समृद्धि के इस सफर का जयगान मरुभूमि की हवाएँभी करने लगी हैं। कृषि के प्रति उसकी लगन, समर्पण और ज़ज़्बे की कद्र करते हुए प्रगतिशील काश्तकार श्रीमती हवा कँवर को गत वर्ष 18 सितम्बर को जयपुरमें आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सम्मानित कर हौसला आफजाही भी की।


जैसलमेर जिले की फतेहगढ़ तहसील अन्तर्गत सम पंचायत समिति की मूलाना ग्राम पंचायत निवासी श्रीमती हवाकँवर राजपूत पत्नी श्री सवाईसिंहकी मूलाना की रोही में बारह हैक्टर बारानी कृषि भूमि है।


खेत का भरपूर उपयोग दे रहा बरकत


ऐसे में जिस साल अच्छी बरसात होती उस वर्ष वह अपने खेत में वर्षा आधारित फसल के रूप में ग्वार की खेती ही कर पाती थी। अच्छी बरसात वालेसाल में दो से तीन क्विंटल प्रति हैक्टर ग्वार की पैदावार होती लेकिन अन्य वर्षों में पर्याप्त बारिश नहीं होने पर अकाल जैसे हालात रहते और इस कृषि भूमि काकोई ख़ास उपयोग नहीं हो पाता था।


कृषि विभाग की बदौलत आजमायी वैज्ञानिक विधियां


इन स्थितियों में अपने खेत का पूरा-पूरा उपयोग करने की दृष्टि से वर्ष 2009-10 में उन्होंने कृषि कूआ बनवाया। इस कूए की सहायता से उन्होंनेसिंचित खेती की शुरूआत की लेकिन सिंचित काश्त का पूरा अनुभव नहीं होने के कारण फसलों का अपेक्षित उत्पादन सामने नहीं आ पाया।


इसके बाद वर्ष 2010-11 में कृषि विभाग से सलाह करके उन्होंने खेती की। इससे उत्साहित होकर अब लगातार कृषि विभाग के सम्पर्क में रहकर खेतीकी उन्नत कृषि विधियां अपना कर खेती का लाभ उठा रही हैं। इसका सीधा फायदा यह हुआ कि अब वे खरीफ और रबी की फसलों की अच्छी पैदावार ले रही है।


उत्पादों को मिला बेहतर विपणन


खेती-बाड़ी की सभी उन्नत और जरूरी विधियों का वे अपने खेत में प्रयोग कर रही हैं। श्रीमती हवा कँवर ने बीज उपचार को अपना मिशन बना रखा हैऔर खेती में वे सभी फसलों की उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीजों, संतुलित ऊर्वरकों आदि का प्रयोग कर रही हैं। फसलों की सुरक्षा के लिये कीट व्याधि का समयपर नियंत्रण किया जा रहा है। अपने खेत में जीरा एवं ईसबगोल के फसलों की अच्छी उपज पाने के लिए वे अपने उत्पादों को ऊँझा मण्डी में बेचती रही हैं।


इनके यहां ग्वार की फसल 4 हैक्टर में हुई जिसकी पैदावार 12 से 14 क्विंटल प्रति हैक्टर पायी। इसके अलावा चार हैक्टर में 28 से 30 क्विंटल प्रतिहैक्टर मूंगफली का उत्पादन भी पाया। इसी प्रकार 3.5 हैक्टर में मूंग की फसल बो कर प्रति हैक्टर 8 से 9 क्विंटल मूंग उत्पादन पाया है। गत बार रबी में इनकेखेत में पांच हैक्टर में जीरा की फसल लेकर 5 से 6 क्विंटल प्रति हैक्टर जीरा पाया। इसी प्रकार चार हैक्टर में ईसबगोल की फसल बोकर प्रति हैक्टर सात से आठक्विंटल ईसबगोल की प्राप्ति की गई। उन्होंने 3.5 हैक्टर में सरसों की फसल बोकर प्रति हैक्टर 12 से 14 क्विंटल सरसों की पैदावार

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