कुंभ कैंपस. हर हर गंगे, हर हर महादेव के घोष के साथ प्रयाग (इलाहबाद) में महाकुंभ का पहला स्नान शुरू हो गया है। रात 4.30 बजे से अखाड़ों के साधु पूरे लाव-लश्कर के साथ शिविरों से संगम घाट के लिए निकले। ढोल-धमाकों के साथ सारे साधु कतारों से संगम के घाट पर डुबकियां लगाईं। साधु-संतों के साथ आम श्रद्धालुओं ने भी संगम सहित अलग-अलग घाटों पर स्नान किया। सुबह आठ बजे तक करीब 22 लाख लोगों ने डुबकी लगाई।
पहले स्नान की रात पूरे कुंभ कैंपस में उत्सव जैसा माहौल था। 13 जनवरी से अचानक मेले में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई। शाम तक लाखों श्रद्धालु मेले में पहुंच चुके थे। मेला प्रशासन का अनुमान है कि सोमवार को 80 लाख श्रद्धालु दिन भर में गंगा-यमुना संगम और अन्य घाटों पर स्नान किया। रात में संगम घाट को साधु संतों के लिए आरक्षित रखा गया था।
पहले आए महानिर्वाणी और अटल अखाड़े
महाकुंभ 2013 के पहले शाही स्नान में सबसे पहले डुबकियां श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े और श्री पंचायती अटल अखाड़े के साधुओं ने लगाईं। साधुओं ने रात में अपने-अपने अखाड़ों में पूजन किया, श्रंगार किया और फिर अखाड़ों से निकलकर संगम घाट पर आए। कुछ साधु नाचते गाते चल रहे थे। कुछ हथियारों का प्रदर्शन करते हुए तो बाकी कतार में संगम घाट पर आए। श्रद्धालुओं ने साधुओं के दर्शन किए।
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