आचार्य ने दिल्ली में मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को निदंनीय बताया
अगर आज अणुव्रत व महाव्रत की उपयोगिता है तो जैन आर्षवाणी की उपयोगिता है और उससे जुड़े भगवान महावीर की उपयोगिता है। महाव्रत अपने आप में विशिष्ट, महान और कुछ कठिन व्रत है। अणुव्रत सुसाध्य व मध्यम मार्ग है। महाव्रत साधु धर्म है और अणुव्रत मृहस्थ धर्म है। यह बात आचार्य महाश्रमण ने अहिंसा समवसरण में आज के युग में महावीर की उपयोगिता विषय पर प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अणुव्रत, बारहव्रत की उपयोगिता है तो महावीर की भी उपयोगिता है। कोई भी व्यक्ति अणुव्रत की आचार संहिता को स्वीकार कर सकता है।
आचार्य ने कहा कि अध्यात्म की दृष्टि से भगवान महावीर से बढ़कर इस दुनिया में कोई नहीं हुआ है। दुनिया का सौभाग्य है कि यदा कदा से महापुरूष पैदा होते रहते हैं जो पथदर्शन देते हैं और उनका पथ प्रदर्शन लम्बे काल तक काम आता है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि त्रकालदर्शी भगवान महावीर ने जो एकता, त्याग का संदेश दिया, वह हमेशा के लिए उपयोगी है।
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