शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012

राजस्थान सरकार ने चुनाव से पहले किये चुनावी वादे

राजस्थान सरकार ने चुनाव से पहले किये चुनावी वादे
राजस्थान में विधानसभा चुनावों के लिए अभी एक साल का वक्त है लेकिन कांग्रेस सरकार अभी से इसकी तैयारियों में जुट गई है। यही वजह है कि बजट सत्र से पहले ही मुख्यमंत्री ने वादों का पिटारा खोल दिया है और विपक्ष सरकार पर हल्ला बोलने में जुट गई है।

राजस्थान सरकार को अपने चार साल का जश्न मनाते ही अगले चुनाव की चिंता सताने लगी है। हालांकि चुनाव होने में अभी करीब एक साल का वक्त है लेकिन सरकार ने अभी से वादों का पिटारा खोल दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की जनता के लिए बड़े बड़े वादे किए हैं।

मसलन सरकार ने स्कूल में अव्वल आने वाले हर छात्रों को सरकार एक लैपटॉप देगी, जिसको खरीदने के लिए 330 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसका लाभ राज्य के 55 हजार 800 छात्रों को मिलेगा। छात्राओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग में अवसर देने के लिए 50 सरकारी स्कूलों में साइंस फेक्ल्टी खोली जाएगी। 8वीं पास हर लड़की जो 9वीं में दाखिला लेगी उसे एक साईकिल मिलेगी इसके साथ ही अल्पसंख्यक छात्राओं को हर महीने 500 रुपए और हायर एजुकेशन लेने वाली छात्राओं को हर महीने 1000 रुपए स्कॉलरशिप देने का वादा किया गया है। सरकार ने यह भी वादा किया है कि वो एक हजार गरीब बच्चों को बड़े प्राइवेट स्कूल में न सिर्फ दाखिला दिलाएगी बल्कि पूरा खर्चा भी उठाएगी। शेखावटी में एक स्पोर्टस यूनिवर्सिटी और झुंझुनू में सैनिक स्कूल खोलने का भी सरकार ने वादा किया है। गहलोत सरकार ने 7 अप्रैल से जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में मरीजों के मुफ्त इलाज का भी वादा किया है। साथ ही एक जनवरी से मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में 19 रुपए और 1999 से पहले की युद्ध विधवाओं के पेंशन में दोगुने का इजाफा भी सरकार के वादों की फेहरिस्त में शामिल है।

कुल मिलाकर चुनावों की तैयारी पक्की है लेकिन सरकार की यही तैयारी विपक्ष को नागवार गुजर रही है। विपक्ष के मुताबिक सरकार पहले के ही वादों को पूरा नहीं कर सकती है ऐसे में यह वादे जनता के साथ छलावा है।

वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दावों को खारिज करते नजर आए और उन्होंने साफ किया कि बजट से पहले इन वादों को करने का मतलब यह बताना है कि यह वादे चुनावी नहीं है।

खैर, मुद्दे चुनावी हैं या नहीं इसका फैसला तो चुनावों के नतीजों के बाद होगा जिसको आने में अभी लंबा वक्त है लेकिन इस बीच अगर कुछ वादे पूरे होते हैं तो राजस्थान की जनता के लिए बड़ी राहत जरूर है।

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