शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

बाल विवाह रूकवाने कलक्ट्रेट पहुंची मां-बेटी

बाल विवाह रूकवाने कलक्ट्रेट पहुंची मां-बेटी

जोधपुर। "मेरे पैदा होते ही पिता ने मुझे और मां को घर से निकाल दिया। अब इतने सालों बाद वे मुझे लेने आए हैं और किसी नि:शक्त और उम्र में कई साल बड़े व्यक्ति से जबरन शादी कराना चाहते हैं। अब मैं अपनी मां की मर्जी के बिना कहीं शादी नहीं करूंगी।" यह कहकर 12 वर्ष की समा अपनी मां सीता देवी से लिपट कर सुबक पड़ी। मां सीता देवी अपनी फरियाद लेकर यहां कलक्टे्रट आई थी। एडीएम ब्रजेश चंदेलिया ने इस मामले में लूणी थाने को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

गुढ़ा विश्नोई निवासी सीता देवी बताती हैं कि उसके पति लूणी निवासी पपाराम ने बेटी जन्म के बाद ही उसे और बेटी को लेकर पीहर भेज दिया। तब से आज तक उसने ही मेहनत मजदूरी कर बच्चों का भरण पोषण किया है। जब बेटी 12 साल की हुई तो अब उसका पति और भाई दोनों मिलकर बेटी की शादी जबरदस्ती कहीं और कर देना चाहते हैं। मैंने इसका विरोध किया तो मुझे धमका रहे हैं।

मां और बेटी दोनों को ही आंखों से कम दिखता है। दोनों को विश्नोई टाइगर फोर्स के महासचिव रामनिवास बुधनगर गुरूवार को कलक्ट्रेट लेकर आए। वहां उन्होंने अतिरिक्त जिला कलक्टर ब्रजेश चंदेलिया को अपनी पीड़ा सुनाई। पूरी बात सुनने के बाद एडीएम ने दोनों को सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए लूणी एसएचओ को पाबंद किया।

देंगे सुरक्षा
मुझे दोपहर को इस मामले के बारे में जानकारी मिली। अब इस मामले में हम लड़की के पिता को सख्त हिदायत देंगे कि लड़की का बालविवाह नहीं कराया जाए और लड़की व उसकी मां को सुरक्षा भी दी जाएगी।
नितिन दवे, थानाधिकारी, लूणी

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