बिना वीजा सैकड़ों पाक विस्थापित जोधपुर में
जोधपुर। एक तरफ जहां सरकार के साथ-साथ पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता करने में लगी हैं, वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से सैकड़ों की तादाद में विस्थापित अवैध रूप से जोधपुर व अन्य स्थानों पर प्रवेश कर रहे हैं। इस बार हरियाणा के ऎलानाबाद से आए इन विस्थापितों के पास न तो जोधपुर का वीजा है और न ही इन्होंने एफआरओ में आमद करवाई है। यह विस्थापित वर्तमान में बनाड़ रोड, चौहाबो व डाली बाई मंदिर के पास अवैध घुसपैठ कर रह रहे हैं।
सीआईडी सूत्रों के अनुसार ऎलनाबाद में ईट भट्टों पर कार्य करने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता रहती है। वहां कार्य के लिए कुछ वर्ष पूर्व पाक से सैकड़ों विस्थापित ऎलनाबाद आए और भट्टों पर कार्य करने लगे।
वहां से पाक विस्थापितों को एक एनजीओ ने नागरिकता दिलाने के बहाने जोधपुर बुला लिया। एक-दो दिन पूर्व ट्रकों में भरकर साढ़े चार सौ विस्थापित पहुंच भी गए, लेकिन इनके पास न तो वीजा है और न ही इन्होंने फॉरेनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरओ) जाकर आमद करवाने की आवश्यकता समझी।
वर्तमान में करीब चालीस-पचास परिवार बनाड़ रोड पर निजी अस्पताल के पास पहले से रह रहे विस्थापितों के यहां रह रहे हैं। जबकि कई परिवार डाली मंदिर के पास कुछ महीने पूर्व आए विस्थापित व कुछ परिवार चौहाबो चले गए।
नागरिकता दिलाने का आश्वासन
सीआईडी सूत्रों के मुताबिक ऎलानाबाद से इन पाक विस्थापितों को नागरिकता दिलाने का आश्वासन देकर यहां बुलाया गया है। साथ ही अन्य प्रलोभन भी दिए गए।
इनका कहना है
ये लोग हरियाणा से आए हैं, न कि पाकिस्तान से।
- हिंदूसिंह सोढ़ा
सीमांत लोक संगठन
जोधपुर। एक तरफ जहां सरकार के साथ-साथ पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता करने में लगी हैं, वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से सैकड़ों की तादाद में विस्थापित अवैध रूप से जोधपुर व अन्य स्थानों पर प्रवेश कर रहे हैं। इस बार हरियाणा के ऎलानाबाद से आए इन विस्थापितों के पास न तो जोधपुर का वीजा है और न ही इन्होंने एफआरओ में आमद करवाई है। यह विस्थापित वर्तमान में बनाड़ रोड, चौहाबो व डाली बाई मंदिर के पास अवैध घुसपैठ कर रह रहे हैं।
सीआईडी सूत्रों के अनुसार ऎलनाबाद में ईट भट्टों पर कार्य करने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता रहती है। वहां कार्य के लिए कुछ वर्ष पूर्व पाक से सैकड़ों विस्थापित ऎलनाबाद आए और भट्टों पर कार्य करने लगे।
वहां से पाक विस्थापितों को एक एनजीओ ने नागरिकता दिलाने के बहाने जोधपुर बुला लिया। एक-दो दिन पूर्व ट्रकों में भरकर साढ़े चार सौ विस्थापित पहुंच भी गए, लेकिन इनके पास न तो वीजा है और न ही इन्होंने फॉरेनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरओ) जाकर आमद करवाने की आवश्यकता समझी।
वर्तमान में करीब चालीस-पचास परिवार बनाड़ रोड पर निजी अस्पताल के पास पहले से रह रहे विस्थापितों के यहां रह रहे हैं। जबकि कई परिवार डाली मंदिर के पास कुछ महीने पूर्व आए विस्थापित व कुछ परिवार चौहाबो चले गए।
नागरिकता दिलाने का आश्वासन
सीआईडी सूत्रों के मुताबिक ऎलानाबाद से इन पाक विस्थापितों को नागरिकता दिलाने का आश्वासन देकर यहां बुलाया गया है। साथ ही अन्य प्रलोभन भी दिए गए।
इनका कहना है
ये लोग हरियाणा से आए हैं, न कि पाकिस्तान से।
- हिंदूसिंह सोढ़ा
सीमांत लोक संगठन
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