नई दिल्ली. दिल्ली में रविवार रात चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार लड़की अभी खतरे से बाहर नहीं है। हालत स्थिर लेकिन गंभीर है। इसके मद्देनजर दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो लड़की को इलाज के लिए सरकारी खर्च पर विदेश भेजा जाएगा।
उधर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, 'सरकार चाहती है कि आरोपियों को ऐसी सजा मिले जो अन्य लोगों के लिए सबक हो। इस तरह की घटनाओं को जल्दी कैसे भुलाया जा सकता है। ऐसी घटना मेरी बेटियों के भी साथ हो सकती थी।'
सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. बीडी अथानी ने बताया, 'लड़की के मुंह में ट्यूब लगी हुई है। उसकी आंतें निकाली जा चुकी हैं। वह मुंह से खाना नहीं खा पा रही है। ट्यूब की वजह से वह बोल भी नहीं पा रही है। वह इस वक्त आईसीयू में ही है। लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर उसे रखा गया है।'
उन्होंने बताया कि लड़की को जल्दी ही टोटल पैरेंटरल न्यूट्रीशन (टीपीएन) देना शुरू किया जाएगा। इसके जरिए नसों से पोषण दिया जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक वह टीपीएन पर ही निर्भर रहेगी। संभावना यह भी है कि यदि छोटी आंत 100 सेंटीमीटर भी बची हो तो वह आगे चलकर सामान्य ढंग से खा-पी सकेगी।
दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीय लड़की उत्तराखंड के एक कॉलेज में फिजियोथैरेपी की स्टूडेंट है। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही है। उसके इलाज की निगरानी के लिए पांच डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। इसके अध्यक्ष एम्स के डॉ. एससी शर्मा है।
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