शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

शमा बानो ने बढ़ाया थार का गौरव




बाड़मेर. राजस्थान के रेगिस्तानी बाड़मेर जिले की भारत-पाक सीमा पर बसे चौहटन कस्बे की अल्पसंख्यक वर्ग से तालुल्क रखने वाली प्रधान शमा बानो ने गुरुवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2012 बैच के नवचयनित 172 आईएएस को भारत में राजनेता एवं अधिकारी तंत्र के सामने अवसर एवं चुनौतियों पर मंसूरी में ढाई घंटे का अपना व्याख्यान दिया। आम तौर पर इस इलाके में अल्पसंख्यक वर्ग अपने बेटियों को तालीम ही नहीं दिलाते है जिसके चलते आज भी 70 फीसदी से जयादा लड़कियां अनपढ़ हैं। शमा इस इलाके की पहली अल्पसंख्यक महिला है जिसने राजनीति में प्रवेश किया था। कई मुकाम पर सफलता पाने वाली शमा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के सामने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया था।
 
यह थार इलाके की महिलाओं के लिए गर्व की बात है।

स्व. अब्दुल हादी परिवार से तालुल्क रखने वाली शमा बानो के पति गफूर अहमद को राजस्थान सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है। वर्तमान में गफूर अहमद श्रम कल्याण बोर्ड के अध्&52द्भ;यक्ष हैं। शमा बानो ऐसे इलाके से आती हैं जहां काफी अशिक्षा है। जहां आज भी अल्पसंख्यक वर्ग के पचास फीसदी से अधिक बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। अ_ाईस साल की शमा बानो ने बाड़मेर के इस इलाके में जहां लड़कियां बुरके एवं घर की चारदीवारी में कैद रहती हैं वहां प्रधान पद पर निर्विरोध निर्वाचित होकर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। शमा ने अपने इलाके में शिक्षा एवं पंचायती राज सशक्तिकरण कर लेकर विशेष कार्य किये जिसके लिए इन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है। शमा राज्य सरकार की ओर से एवं विशेष दल में विदेश दौरा भी कर चुकी हैं।

शमा ने गुरुवार सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी उत्तराखंड में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2012 बैच के नवचयनित 172 आईएएस को भारत में राजनेताओं एवं अधिकारी तंत्र के सामने अवसर एवं चुनौतियां पर अपना व्याख्यान दिया शमा ने बताया कि इस व्याख्यान के लिए देशभर से तीन लोगों को बुलाया गया था। उनके अलावा दिल्ली सरकार में शिक्षा व परिवहन मंत्री अरविंद कुमार लवली व विजयवाड़ा के पूर्व महापोर पंच मूर्ति अनुराधा शामिल थे। शमा ने कहा कि यह पहला मौका है जब उन्होंने अपना व्याख्यान भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियो के सामने दिया।

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