शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

फास्ट इंटरनेट स्पीड नहीं तो 1 लाख जुर्माना

फास्ट इंटरनेट स्पीड नहीं तो 1 लाख जुर्माना

नई दिल्ली। अब आपको ब्रॉडबैंड कनेक्शन की स्पीड को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। नए साल से आपके सेवा प्रदाता के लिए यह अनिवार्य होगा, कि वह आपको अच्छी सेवाएं दे,नहीं तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने ब्रॉडबैंड सर्विस के सेवा गुणवत्ता नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं को तयशुदा मानकों की सेवाएं देना अनिवार्य होगा। यदि इसमें कोई चूक होती है, तो उन पर 50000 रूपए का जुर्माना लगाया जा सकता है और उसके बाद फिर से उल्लंघन होने पर एक लाख रूपए का जुर्माना हो सकता है।

नए साल से लागू होने वाले नए नियमों के अनुसार डेटा सर्विस का एक्टिवेशन चार घंटे के भीतर करना अनिवार्य होगा। साथ ही हर प्लान की मिनिमम स्पीड को मापा जाएगा और उसकी रिपोर्ट ट्राई को भेजी जाएगी।

नए नियमों के अनुसार अब ऑपरेटर्स को 75 फीसदी सब्सक्राइब्ड स्पीड सुनिश्चित करनी होगी। यदि ऑपरेटर ने 7.2 एमबीपीएस की डाउनलोड स्पीड का दावा किया है,तो उसे कम से कम 5.4 एमबीपीएस या उससे ज्यादा स्पीड देनी होगी। डेटा ड्रॉप की दर भी पांच फीसदी से कम होना अनिवार्य होगा।

पारदर्शिता रखने के लिए सभी ऑपरेटर्स को अपनी वेबसाइट पर सभी डेटा सर्विस की जानकारी अपलोड करना जरूरी होगा। इसके अंतर्गत सभी प्लान का शुल्क और लागू शहरों की जानकारी अनिवार्य रूप से दी जाएगी।

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