गुरुवार, 22 नवंबर 2012

संसद सत्र की हंगामेदार शुरुआत, दोनों सदन स्थगित

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की गुरुवार को हंगामेदार शुरुआत हुई। बहु-ब्रांड खुदरा में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के विरोध में विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान पहुंचने के बाद दोनों सदन शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिए गए।संसद सत्र की हंगामेदार शुरुआत, दोनों सदन स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही को दो बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) व तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के बहु-ब्रांड खुदरा में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति दिए जाने के मुद्दे पर वोटिंग की मांग को लेकर हंगामे के बीच कार्यवाही चार बार स्थगित की गई। जब लोकसभा में तृणमूल के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिली तो वह भी इस विरोध में शामिल हो गई।

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि विभिन्न दलों द्वारा दिए गए नोटिसों पर विचार किया जा रहा है।

इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सदस्य स्पीकर के आसन के नजदीक पहुंच गए। सपा जहां एलपीजी के बढ़े हुए दाम वापल लेने की मांग कर रही थी, वहीं बसपा ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर सदन स्थगित करने की मांग की।

विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि बहु-ब्रांड खुदरा में एफडीआई पर बहस की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि सरकार ने इस मुद्दे पर पार्टियों से चर्चा करने का आश्वासन पूरा नहीं किया। माकपा ने नारेबाजी की और इस मुद्दे पर बहस व वोटिंग की मांग की। राज्यसभा में भी जमकर हंगामा हुआ।

शीतकालीन सत्र शुरू होने से कुछ मिनट पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है और सत्र के सुचारू संचालन में सभी पार्टियों का सहयोग चाहती है। वैसे उनकी इस अपील पर विपक्ष ने कोई ध्यान नहीं दिया।

सिंह ने उम्मीद जताई कि राज्यसभा व लोकसभा सदस्य देश के सामने मौजूद मुद्दों व चुनौतियों पर एकजुट होकर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि हम दोनों सदनों में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

उन्होंने संसद से बाहर पत्रकारों से कहा कि वह संसद के बाधा रहित संचालन की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का विपक्ष व सरकार दोनों का दायित्व है कि हम अपने संसदीय लोकतंत्र को हमारे देश के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने के लिए मिलजुलकर काम करें।

सिंह ने कहा कि हमारा देश वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते कई परेशानियों का सामना कर रहा है। हमें युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसम्बर को समाप्त होगा जबकि इसमें केवल 16 कामकाजी दिन होंगे।

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