शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

गर्भवती पत्‍नी, दुधमुंही बेटी को बक्से में बंद कर जिंदा जलाया

इलाहाबाद. दिल्‍ली में दहेज के चलते जहां एक पार्षद और उसकी बेटी को जान गंवानी पड़ी है, वहीं इलाहाबाद में दहेज़ के लोभियों द्वारा एक गर्भवती महिला और उसकी डेढ़ साल की दुधमुंही बच्ची को बक्से में बंद कर जिंदा जलाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। महिला के मायके वालों की शिकायत पर पुलिस ने उसके पति और सास-ससुर के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
गर्भवती पत्‍नी, दुधमुंही बेटी को बक्से में बंद कर जिंदा जलाया 
मायके वालों का आरोप है कि दहेज़ में पचास हज़ार रुपये नगद और मोटर साइकिल न देने पर उनकी बेटी के साथ मार-पीट की जाती थी और आखिर में उसे और उसकी डेढ़ साल की बेटी को मार डाला। दिल दहला देने वाला यह मामला यमुनापार के खीरी इलाके के खपटिहा गाँव का है।

पुलिस के मुताबिक़ मध्य प्रदेश के रीवा जिले के उग्रसेन साहू की बेटी सुशीला की शादी 2009 में इलाहाबाद के खपटिहा गाँव के राकेश गुप्ता के साथ हुई थी। सुशीला के परिवार वालों ने शादी में अपनी हैसियत के मुताबिक़ दहेज़ तो दिया ही था साथ ही आख़िरी वक्त में की गयी कई मांगों को भी पूरा किया था। हालांकि इसके बावजूद सुशीला के ससुराल वाले उसे कम दहेज़ लाने का ताना दिया करते थे और आये दिन नई-नई फरमाइश किया करते थे। सुशीला ने अपने साथ मार-पीट किये जाने और परेशान करने की शिकायत कई बार अपने माता-पिता से की थी।

पुलिस के मुताबिक़ शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि सुशीला के पति और सास-ससुर ने और दहेज़ लाने से साफ़ इनकार करने पर सुशीला और उसकी बेटी को बड़े बक्से में बंद कर दिया और कुछ देर बाद तेल छिड़ककर उसमे आग लगा दी। दोनों के बचने की कोइ उम्मीद न रहे इसलिए कमरे को बाहर से बंद भी कर दिया। घर से जब धुंआ निकलने लगा और पति व सास-ससुर बेफिक्री से बाहर घुमते रहे तो गाँव वालों ने दरवाजा तोड़कर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और दोनों माँ बेटी की मौत हो चुकी थी।

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