अहमदाबाद। लगता है गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आने वाले दिन काफी अच्छे होने वाले हैं क्योंकि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि हिंदूक्व का नारा लगाने वाले मोदी के साथ अब गुजरात की मुस्लिम जनता भी आ खड़ी हुई है।
प्रदेश के युवा मुस्लिम भी मोदी की कार्यप्रणाली, प्रदेश में हुए विकास और प्रदेश के युवाओं को आगे ले जाने की उनक प्रबल इच्छा से काफी खुश हैं इसलिए लगता है कि मुस्लिम जनता 2002 के दंगो के लिए उन्हें माफ करके उनका साथ दे सकती है क्योंकि अगर ऐसा होता है तो केवल गोधरा दंगो के कारण दागदार होने वाले विकास पूरूष मोदी के दामन में एक भी दाग नहीं रहेगा जो कि आने वाले भविष्य में भाजपा के लिए सफलता की कुंजी साबित हो सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक मुस्लिम गुटों ने विशेषकर के मुस्लिम युवा शक्ति ने मोदी के लिए नरमी दिखायी है। 10 बड़ी मुस्लिम संस्थाओं की जॉइंट कमेटी के चेयरमैन सयैद शहाबुद्दीन ने कहा है कि अगर मोदी के गुजरात दंगो के लिए शर्मिंदा होते हैं तो पूरा मु्स्लिम समुदाय उनके साथ चलने के लिए तैयार हो जायेगा और वो खुद प्रदेश के अल्पसंख्यक वर्ग से मोदी को वोट देने की अपील करेंगे।
सैयद ने कहा कि वो खुद मु्स्लिम संगठनों के साथ मिलकर मोदी के ड्रीम "rebuilding Gujarat" में मोदी की मदद करेंगे। सैयद ने कहा कि दंगो के लिए माफी मांगकर अगर मोदी 20 ऐसी सीटों से मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जहां मुसलमान वोटरों की संख्या 20% है तो उन्हें गुजरात क्या देश में भी कोई हरा नहीं सकता है।
मोदी को वादा करना होगा और यकीन दिलाना होगा कि शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में मुस्लिमों के साथ दोहरा बर्ताव नहीं होगा, अगर वो ऐसा कर सकते हैं तो गुजरात के मु्स्लिम दंगो के अपने दर्द और गम भूलाकर उनके साथ खड़े हो जायेंगे। मालूम हो कि गुजरात में 13 और 17 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव परिणाम 20 दिसंबर को आयेगा
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