"दारिया" को पकड़वाने वाले का मर्डर
जयपुर। बहुचर्चित दारिया एनकाउंटर प्रकरण के अभियुक्त और फतेहपुर शेखावाटी के मोस्ट वांटेड विजयपाल सिंह ठेकेदार का गुरूवार को अज्ञात लोगों ने मर्डर कर दिया। चूरू जिले के रतनगढ़ कस्बे से करीब 17-18 किलोमीटर दूर पुलिस ने उसका शव बरामद किया। दारिया एनकाउंटर मामले में गवाह रहा विजय लम्बे समय से फरार था।
उल्लेखनीय है कि विजयपाल सिंह ने ही दारिया को एसओजी टीम को सौंपा था,जिसका बाद में एनकाउंटर हुआ था। मृतक विजयपाल शराब कारोबारी था और मूलत: फतेहपुर का रहने वाला था। इससे पूर्व भी कई मामलों उसकी तलाश थी और करीब 5 लाख रूपए का ईनाम भी घोषित था।
भाई और बेटे ने की शिनाख्त
जानकारी के अनुसार गुरवार सुबह 7.30 बजे रतनगढ़ पुलिस को उपप्रधान कुल्डाराम सिहाग से फोन पर सूचना मिली की भुखरेडी और फ्रान्सा गांव के बीच सड़क किनारे किसी शख्स का शव पड़ा हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने लावारिश शव को मोर्चरी में रखवाया और उसकी शिनाख्त के लिए सरपंच फोरम के सदस्यों को बुलाया। सरपंच फोरम के अध्यक्ष सज्जन बाटड़ ने शव फतेहपुर निवासी वांटेड विजय सिंह के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने शिनाख्त के लिए उसके फतेहपुर से उसके भाई अशोक और बेटे अक्षय को बुलाया,जिन्होंने शव की पहचान की।
पुलिस के लिए मर्डर बनी पहेली
पुलिस के अनुसार प्रथमदृष्टियां विजय सिंह की मौत का कारण कनपटी में गोली लगना रहा है। गोली उसकी बांए कनपटी से घुसते हुए दाहिने गाल को पार कराते हुए निकली है। संभवतया: मर्डर बुधवार देर रात हुआ और शव रात को ही सड़क किनारे फैंक दिया गया होगा। फिलहाल,मर्डर के पीछे किसका हाथ है? मर्डर कहां हुआ है? जैसे कई सवालों के जवाब पुलिस के लिए पहेली बने हुए हैं।
फतेहपुर शराब दु:खांतिका का मुख्य अभियुक्त
सूत्रों के अनुसार 1993 में फतेहपुर में जहरीली शराब पीने पर करीब 23 लोगों की मौत हो गई थी। मृतक विजयपाल सिंह इस शराब दु:खांतिका का मुख्य अभियुक्त था। इस मामले में भी पुलिस कई सालों से उसकी तलाश कर रही थी।
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