सोमवार, 12 नवंबर 2012

'एक दिवलो मायड़ भाषा रै नावं'


'एक दिवलो मायड़ भाषा रै नावं'

 बालोतरा



बालोतरा. दीपक जलाते राजस्थानी भाषा समर्थक।  

मायड़ भाषा राजस्थानी को मान्यता जब तक नहीं मिलेगी तब तक राजस्थान प्रदेश की विश्व पटल पर पहचान नहीं बन सकती। जब हमारी राजस्थानी भाषा को अमेरिका में मान्यता मिल गई है तो अपने ही घर में हमारी मां बिना मान्यता के दर-दर बिलख रही है। ये बात पूर्व गृह राज्य मंत्री अमरा राम चौधरी ने रेल्वे परिसर में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की ओर से आयोजित 'एक दिवलो मायड़ भाषा रै नावं' कार्यक्रम में उपस्थित भाषा प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहीं। छात्रमोर्चा के संयोजक राणीदान रावल ने बताया कि कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान, ओम बांठिया, रमेश गुप्ता, प्रकाश माली, संघर्ष समिति के पाटवी भीख दान चारण, शिक्षक परिषद के पाटवी तन सिंह जुगतावत, चिंतन परिषद के पाटवी राजेंद्रसिंह कंवरली, सरपंच नरपतसिंह रतनू, सालगराम परिहार व अभिषेक खोखर सहित बड़ी संख्या भाषा प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कमल सिंह पंवार ने किया।

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