16वीं शताब्दी में ब्रिटेन में कई बार प्लेग का कहर फैला। लेकिन 1665 का प्लेग सबसे भयंकर था। लगभग पूरा लंदन शहर इसकी चपेट में आ गया था। बार-बार प्लेग के फैलने से लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि अब पृथ्वी का अंत निकट ही है।
सन् 1910 में विशाल हैली धूमकेतु धरती के समीप से गुजरा। कई यूरोपीय और अमेरिकी लोगों ने इस कपोल कथा पर यकीन कर लिया था कि इस धूमकेतु की पूंछ से गैसों का रिसाव हो रहा है और इससे पृथ्वी का वातावरण प्रदुषित हो जाएगा। इस प्रदूषण से एक दिन दुनिया खत्म हो जाएगी।एक लेखक रिचर्ड नून ने भविष्यवाणी की थी कि 5 मई 2000 को सभी ग्रह एक पंक्ति में आ जाएंगे। इससे बर्फ पिघलने लगेगी और पृथ्वी पर विनाशलीला आरंभ हो जाएगी। इससे सभी लोग मारे जाएंगे।सर्वाधिक चर्चित माया कैलेंडर के अनुसार 2012 में दुनिया का विनाश हो जाएगा। ऐसा माना जाता है कि माया संस्कृति अमेरिका में विकसित हुई थी। यह स्थान आज मैक्सिको नामक देश के रूप में जाना जाता है। माया संस्कृति के लोग प्रखर खगोलशास्त्री और ज्योतिष के जानकार थे। इन्होंने 21 दिसम्बर 2012 को दुनिया के विनाश के संकेत दिए हैं।अभी तक दुनिया के विनाश की लगभग सभी भविष्यवाणियां गलत साबित हुई हैं। अब इंतजार है माया कैलेंडर द्वारा की गई भविष्यवाणी का, यह सभ्यता 21 दिसंबर 2012 को विनाश की घोषणा कर चुकी है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी नास्त्रेदमस द्वारा भी दुनिया के विनाश की भविष्यवाणी की गई है। इस भविष्यवाणी के अनुसार भी 2012 में ही दुनिया का विनाश होना है।
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