गुलबर्गा. आशिकों की जान के पीछे घरवाले किस तरह हाथ धोकर पड़ जाते हैं इसका ताजा उदाहरण गुलबर्गा स्टेशन पर हाल में पैसेंजर ट्रेन में लगी आग की घटना है। यह आग दरअसल एक प्रेमी युगल को मारने के लिए लगाई गई थी। ट्रेन में आग लगने की घटना और इसमें दो लोगों की मौत की पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि ट्रेन में आग प्रेमी जोड़े की जान लेने के लिए लगाई गई थी।
गौरतलब है कि 15 अक्टूबर को गुलबर्गा स्टेशन पर खड़ी फलकनुमा पैसेंजर ट्रेन की बोगी नंबर 99480 में आग लगी थी। इस घटना में गुलबर्गा के ही विशालनगर के रहने वाले 20 वर्षीय युवक शरणू और 17 वर्षीय लड़की वर्षा की मौत हो गई थी और 9 लोग घायल हुए थे। रेलवे ने घायलों को 75 हजार रुपये और मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भी की थी।
पुलिस की जांच के मुताबिक शरणू और वर्षा प्रेमी-प्रेमिका थे और घर से भाग गए थे। जब वे ट्रेन में सवार हुए थे तब उनका पीछा करते हुए दो लोग भी ट्रेन में सवार हुए थे। इन्हीं दो लोगों ने उन्हें बोगी के अंदर आग के हवाले कर दिया।
अपने पीछे लोगों को आता देख शरणू और वर्षा ने ट्रेन की खिड़कियां भी बंद कर ली थीं लेकिन वे खुद को बचा नहीं पाए। दोनों को बोगी की सीट से बांधकर मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर दिया गया। जल्द ही आग पूरी बोगी में फैल गई और बोगी राख हो गई। हमलावर दूसरी बोगी से कूदकर फरार हो गए।
वर्षा 11वीं की छात्रा थी। वह कई साल से शरणू के प्यार में पड़ी थी। शरणू ऑटो ड्राइवर था। लड़की के परिजनों को उनका अंतरजातीय प्रेम संबंध मंजूर नहीं था। लड़की के घर से भागने के बाद परिजनों ने पुलिस में उसके लापता होने की शिकायत भी दर्ज करवाई थी। मामले की जांच कर रही पुलिस ने अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं की है। वर्षा के गायब होने की जांच कर रही पुलिस टीम ने ही उसकी लाश की शिनाख्त की।
गौरतलब है कि 15 अक्टूबर को गुलबर्गा स्टेशन पर खड़ी फलकनुमा पैसेंजर ट्रेन की बोगी नंबर 99480 में आग लगी थी। इस घटना में गुलबर्गा के ही विशालनगर के रहने वाले 20 वर्षीय युवक शरणू और 17 वर्षीय लड़की वर्षा की मौत हो गई थी और 9 लोग घायल हुए थे। रेलवे ने घायलों को 75 हजार रुपये और मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भी की थी।
पुलिस की जांच के मुताबिक शरणू और वर्षा प्रेमी-प्रेमिका थे और घर से भाग गए थे। जब वे ट्रेन में सवार हुए थे तब उनका पीछा करते हुए दो लोग भी ट्रेन में सवार हुए थे। इन्हीं दो लोगों ने उन्हें बोगी के अंदर आग के हवाले कर दिया।
अपने पीछे लोगों को आता देख शरणू और वर्षा ने ट्रेन की खिड़कियां भी बंद कर ली थीं लेकिन वे खुद को बचा नहीं पाए। दोनों को बोगी की सीट से बांधकर मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर दिया गया। जल्द ही आग पूरी बोगी में फैल गई और बोगी राख हो गई। हमलावर दूसरी बोगी से कूदकर फरार हो गए।
वर्षा 11वीं की छात्रा थी। वह कई साल से शरणू के प्यार में पड़ी थी। शरणू ऑटो ड्राइवर था। लड़की के परिजनों को उनका अंतरजातीय प्रेम संबंध मंजूर नहीं था। लड़की के घर से भागने के बाद परिजनों ने पुलिस में उसके लापता होने की शिकायत भी दर्ज करवाई थी। मामले की जांच कर रही पुलिस ने अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं की है। वर्षा के गायब होने की जांच कर रही पुलिस टीम ने ही उसकी लाश की शिनाख्त की।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें