मंगलवार, 2 अक्टूबर 2012

एम्स का नाम बदलना सरकार का तर्कहीन कदम : जसोल

एम्स का नाम बदलना सरकार का तर्कहीन कदम : जसोल
जोधपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह जसोल ने कहा है कि एम्स से मीरा बाई का नाम हटाना सरकार का तर्कहीन व बुद्धिहीन कदम है, जो आमजन को स्वीकार नहीं है। जनहित की जगह यह जनता के विचारों के साथ खिलवाड़ है, इसका शुद्धिकरण जरूरी है। जसोल सोमवार को अपने फॉर्म हाउस पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से सम्पर्क करेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी सहयोग चाहेंगे। सभी जन-प्रतिनिधियों को भी इसके लिए प्रयास करने चाहिए। जसोल के अनुसार एम्स के शिलान्यास के लिए उन्होंने केन्द्रीय वित्तमंत्री होने के नाते बजट जारी किया था, यह बजट " मीरां बाई एम्स" के लिए ही जारी हुआ और उसी नाम से शिलान्यास किया गया।

तीन केन्द्रीय मंत्री, तत्कालीन मुख्यमंत्री व सांसद भी शिलान्यास समारोह में आए थे। अब उस नाम को हटाना कतई उचित नहीं है। ऎसा करना राजस्थान की संस्कृति से खिलवाड़ होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान को भी गलत बताया जिसमें उन्होंने कहा कि "पैसे पेड़ पर नहीं उगते हैं"। जसोल के अनुसार एफडीआई की मंजूरी से देश के खुदरा व्यापारियों के रोजगार पर संकट आ जाएगा। सब्सिडी कम करनी है तो सरकार को भ्र्रष्टाचार रूपी टैक्स हटाना चाहिए। प्रदेश की राजनीति पर उन्होंने कहा कि यहां न तो राज है और ना ही कोई इसकी नीति।

सौंपा ज्ञापन
भक्त शिरोमणि मीरा बाई एम्स जोधपुर नामकरण जन अधिकार समिति के पदाधिकारियों ने एम्स में मीरा बाई का नाम पुन: जोड़ने के प्रयास करने की मांग को लेकर जसोल का ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि मीरा बाई का नाम पुन: रखवाने के लिए प्रदेश के सभी सांसदों का सहयोग लिया जाएगा। समिति ने जसवन्तसिंह जसोल को 1 फरवरी, 2004 को बनाए एक कार्टून को दिखाया, जिस पर उन्होंने अपने हाथ से लिखा था कि"संजीवनी से मीरा बाई के नाम पर आधारित एम्स ईश्वर की कृपा से ही पाया है।"

ये थे मौजूद
ज्ञापन देने वालों में जेएनवीयू, राजस्थानी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. कल्याणसिंह शेखावत, पूर्व न्यासी शिवसिंह राठौड़, राजस्थान युवा साहित्यकार परिषद् के अध्यक्ष ए.जे. खान, हिन्दू सेवा मंडल के सचिव विष्णु प्रजापति, जितेन्द्र लोढ़ा, देवेन्द्रसिंह परेवड़ी, ईश्वरसिंह, पूर्व पार्षद दलपतसिंह खींची, पूर्व पार्षद गिरीश माथुर, भूपतसिंह व नटवरसिंह शेखावत शामिल थे।

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