जयपुर। हाई कोर्ट ने तलाकशुदा मुस्लिम महिला को इद्दत अवघि में भी भरण-पोषण का हकदार मानते हुए कोटा के पारिवारिक न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश प्रशान्त कुमार अग्रवाल ने कोटा के भीममण्डी क्षेत्र के निवासी शाहिना परवीन की निगरानी याचिका पर यह आदेश दिया।
प्रार्थीपक्ष के वकील तनवीर अहमद ने कोर्ट में कहा कि प्रार्थिया का 26 अपे्रल 2006 को सवाईमाधोपुर के गंगापुर सिटी निवासी आबिद से निकाह हुआ। 2008 में उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। प्रार्थिया के भरण-पोषण की जिम्मेदारी पति की थी, इसीलिए उसने जनवरी 2009 में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। प्रार्थिया के पति ने कहा कि भरण-पोषण की अघिकारी न होने पर पारिवारिक न्यायालय फैसला दे चुका है।
6 सप्ताह में जवाब मांगा
जयपुर. हाई कोर्ट ने ग्रामीण चिकित्सक कैडर में प्रोबेशन पूरा कर चुके डॉक्टर को पुन: नियुक्ति पर फिर से प्रोबेशन के लिए मजबूर करने के मामले में प्रमुख स्वास्थ्य सचिव के जरिए राज्य सरकार, स्वास्थ्य निदेशक से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है।
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