गुरुवार, 11 अक्टूबर 2012

वाड्रा-डीएलएफ मामले में सरकार को नोटिस

वाड्रा-डीएलएफ मामले में सरकार को नोटिस
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा और रियल इस्टेट की कंपनी डीएलएफ पर सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और वकील प्रशांत भूषण की ओर से लगाए गए आरोप पर गुरूवार को केन्द्र सरकार से जवाब तलब किया। न्यायाधीश उमानाथ सिंह तथा न्यायाधीश वी.के.दीक्षित की खंडपीठ ने दायर याचिका में वाड्रा पर लगाए गए आरोप पर प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब मांगा। मामले की अगली सुनवाई आगामी 21 नवम्बर को होगी।

याचिका में आग्रह किया गया था कि वाड्रा पर लगाए गए आरोप के सम्बन्ध में जांच कराई जाए। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ की ओर से आरोपों से इनकार करने के बावजूद कई सवाल अनुत्तरित हैं।

इसमें यह प्रश्न भी शामिल है कि मात्र तीन साल में पचास लाख की संपत्ति कैसे पांच सौ करोड़ की हो गई लिहाजा केन्द्र सरकार के लिए यह आवश्यक हो गया है कि आयकर विभाग, प्रर्वतन निदेशालय या किसी उपयुक्त अधिकारी से इस पूरे मामले की जांच कराई जाए। याचिका में प्रधानमंत्री से भी निवेदन किया गया है कि वह देश की जनता को वास्तविक तथ्यों से अवगत कराएं।

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