शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

गडकरी से गुजरात भाजपा का किनारा

गडकरी से गुजरात भाजपा का किनारा

अहमदाबाद। वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से गुजरात भाजपा किनारा करती नजर आ रही है। भ्रष्टाचार मामले में संघ के बाद गडकरी को गुजरात भाजपा में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मोदी सहित कई नेता नहीं चाहते कि विधानसभा चुनावों के दौरान गडकरी गुजरात आए और उनके कारण पार्टी को कांग्रेस से नुकसान उठाना पड़े।

उल्लेखनीय है कि गुजरात भाजपा की ओर से हाल ही विधानसभा चुनाव के दौरान अपने स्टार प्रचारकों में गडकरी को तरजीह देते हुए ईसी को सौंपी लिस्ट में सबसे ऊपर रखा था। लेकिन इसके बिल्कुल उल्टे अब कई नेता नहीं चाहते कि गडकरी की छाया भी गुजरात में पड़े। उधर,गडकरी का पहला चुनावी दौरा शनिवार से हिमाचल प्रदेश के लिए प्रस्तावित है। हालांकि,पार्टी में अपने पद को लेकर असमंजस की स्थिति में पड़े गडकरी खुद इस दौरे पर नहीं जाना चाहते हैं।


इस्तीफा नहीं देंगे गडकरी: भाजपा

गडकरी के निवास पर शुक्रवार को पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक के बाद पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि पूरी भाजपा गडकरी के साथ है। साथ ही पार्टी ने अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे की पेशकश संबंधी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया।

गडकरी के लिए पार्टी एकजुट

बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि गडकरी पहले भी जांच की बात कह चुके हैं। यहां आकर उन्होंने पदाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया। इस पर सभी ने उनका साथ देने का फैसला किया। बैठक में पार्टी की लोेकसभा में नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में नेता अरूण जेटली सहित सभी महामंत्री और पार्टी प्रवक्ता मौजूद थे। इससे पूर्व गडकरी ने वरिष नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। हालांकि पार्टी ने एकजुटता शाम को दिखाई। इसकी पटकथा गडकरी के नागपुर छोड़ने से पहले लिखी जा चुकी थी।


संघ ही बना संकटमोचक

संघ के वरिष पदाधिकारियों ने आडवाणी और सुषमा स्वराज सरीखे वरिष नेताओं को फोन पर निर्देश दिया कि पूरी पार्टी गडकरी के बचाव में उतरे। इसके बाद ही दिल्ली की बैठक की रूपरेखा बनी। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मीडिया में प्रसारित गडकरी के इस्तीफे की खबरें पूरी तरह बेबुनियाद और निराधार हैं। गडकरी पार्टी के अध्यक्ष हैं और बने रहेंगे।

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