शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

किसान चढ़े पावर हाउस पर



किसान चढ़े पावर हाउस पर



.नागौर  बडू  साब! अगर किसानों को समय पर बिजली नहीं दे सकते तो आश्वासन के तले क्यों दबा रहे हो? क्यों भोले भाले किसान को दबाया जा रहा है।' शुक्रवार को भादवा जीएसएस पर किसानों ने धरना प्रदर्शन करते हुए कुछ इस तरह खरी खोटी डिस्कॉम अधिकारी को सुनाई। किसान धरने के बाद जीएसएस पर ही चढ़ गए। उस समय जीएसएस पर बिजली नहीं थी। कई दिनों से परेशान किसान शुक्रवार को भादवा जीएसएस पर पहुंचे। वहां मंडल सदस्य उद्यमी गिरधारी लाल मुंदलिया ने डिस्कॉम के बागोट ऑफिस के सहायक अभियंता प्रताप सिंह चौधरी से कहा कि किसानों को दिन में बिजली चाहिए। डिस्कॉम के अधिकारी ऐसा नहीं कर रहे। इससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरपंच रिद्धाराम सारण के नेतृत्व में अपरान्ह 12 बजे से शुरू हुआ धरना 3 बजे परवान चढ़ा। अपरान्ह 4 बजे कुछ किसान जीएसएस पर चढ़ गए। वहां वे डिस्कॉम के खिलाफ नारे लगाने लगे।


कटौती समय में किया परिवर्तन

पूरा घटनाक्रम देख रहे सहायक अभियंता ने वस्तु स्थिति के बारे में एक्सईएन मकराना को बताया। अधिकारी के आदेश पर किसानों को फिर से बिजली थोड़े परिवर्तन के बाद यथावत कर दी गई। इससे पहले पावर हाउस में सुबह से ही बिजली नहीं थी। इससे भादवा सहित बडू, जंजीला, हुलढाणी और कई गांव ढाणियों की बिजली गुल रही। सरपंच रिद्धाराम सारण ने कहा कि डिस्कॉम के अभियंता ट्रांसफार्मर इधर से उधर कर देते हैं। कुछेक लोगों के कहने पर कर्मचारियों को हटाना ठीक नहीं है। आज जो काम करता है उसी की शिकायत हो रही है। मंडल सदस्य मुंदलिया ने बागोट के अभियंता महेन्द्र सिंह पर आरोप लगाया कि उनका व्यवहार ठीक नहीं है। किसान नेता श्योकरण राम, भंवरलाल मिस्त्री, नारायण राम आंचरा, जीवणराम नेता, मेघाराम, चूनाराम आंचरा, कुम्भाराम डारा सहित किसानों ने धरना प्रदर्शन में भाग लिया।

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