गुरुवार, 4 अक्तूबर 2012

पवन उर्जा की बडी कंपनी सुजलॉन के जैसलमेर स्थित कार्यालयों पर लगाये ताले

पवन उर्जा की बडी कंपनी सुजलॉन के जैसलमेर स्थित कार्यालयों पर लगाये ताले


जैसलमेर से मनीष रामदेव-
40 करोड से भी अधिक के बकाया भुगतान को लेकर आक्रोशित ठेकेदारों ने बंद करवाया कंपनी का काम, कार्यालयों सहित कंपनी के गेस्ट हाउस भी किये बंद, सभी क
र्मचारियों व अधिकारियों को किया सडक पर, अब उर्जा उत्पादन को रोकने के लिये जी एस एस को भी करवा रहे हैं बंद
4 अक्टूबर, जैसलमेर! पवन उर्जा के क्षेत्र की बडी कंपनी
सुजलॉन के जैसलमेर स्थित कार्यालयों व गेस्ट हाउसों पर आज कंपनी के ही ठेकेदारों ने बकाया भुगतान नहीं करने का अरोप लगाते हुए ताले लगा दिये गये और सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को कार्यालयों व गेस्ट हाउसों से बाहर निकाल दिया गया। करीब 40 करोड रूपये से भी अधिक के बकाया भुगतान को लेकर ये ठेकेदार पिछले कई दिनों से आन्दोलन पर थे लेकिन कंपनी द्वारा कोई जवाब नहीं दिये जाने के कारण आज इन ठेकेदारों ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए यह कदम उठाया है।
जैसलमेर में काम कर रही विभिन्न पवन उर्जा कंपनियों के साथ इन ठेकेदारों का भुगतान पिछले लम्बे समय से बकाया चल रहा था जिसमें एनरकॉन, लेंन्को सहित कई बडी बडी कंपनियां शामिल थी। ठेकेदारों द्वारा इस संबंध में जिला प्रशासन व पुलिस को भी शिकायतें की गई थी जिसमें जिला कलक्टर शुचि त्यागी व पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने इन कंपनियों के अधिकारियों को बुला कर इनके साथ वार्ता करना तय किया था। आज जिला प्रशासन व पुलिस के साथ हुई कंपनियों की बैठक में जहां शेष कंपनियों ने बकाया भुगतान करने की बात कही वहीं सुजलॉन कंपनी की ओर से न तो प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुआ और न ही कोई अधिकृत रूप से बकाया भुगतान के बारे में बताने को तैयार है ऐसे में सुजलॉन कंपनी के अडियल रवैये से नाराज ठेकेदारों ने कंपनी कार्यालयों व गेस्ट हाउसों पर ताले लगा कर सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को बाहर निकाल दिया है और इनके उत्पादन को रोकने की तैयारी कर रहे हैं। ठेकेदारों द्वारा की गई तालाबंदी की कार्यवाही के दौरान कंपनी के अधिकारियों द्वारा पुलिस को भी सूचना दी गई जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन कंपनी का कोई भी अधिकारी जिम्मेदारी पूर्वक ठेकेदारों को आश्वासन देने को तैयार नहीं दिखा। गौरतलब है कि सुजलॉन कंपनी पवन उर्जा के क्षेत्र में विश्व स्तर पर बहुत बडा नाम है लेकिन पिछले कुछ समय से आर्थिक मंदी के चलते संभवतः ये कंपनी अपने ठेकेदारों को भुगतान नहीं कर पा रही है। इतना ही नहीं नाम न बताने की शर्त पर कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी कंपनी की भर्तस्ना करते हुए कहा कि उन्हें भी पिछले लम्बे समय से वेतन समय पर नहीं दिया जा रहा है

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