लखनऊ. यूपी की एक महिला आईएएस अफसर के लिए एक और सपा विधायक सिरदर्द बने हुए हैं। सत्ता के गलियारों में चर्चा तेज है कि विधायक जी इन आईएएस अफसर के इस कदर पीछे पड़े हैं कि दिन रात उन्हें न सिर्फ एसएमएस भेज रहे हैं, बल्कि पिछले दिनों वह उनके घर तक पहुंच गए।
मामले में आईएएस ने अपने मातहतों को जानकारी दी और साथ ही कहा है कि अगर जल्द ही विधायक जी का इलाज नहीं किया गया तो वह प्रधानमंत्री कार्यालय में इसकी शिकायत कर देंगीं।आईएएस से विधायक के प्रेम की यह कहानी सत्ता के गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है। सचिवालय के कर्मचारी हों या अधिकारी, सभी किस्से को चटखारे लेकर सुन और सुना रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सपा के एक कद्दावर नेता के विधायक बेटे का दिल महिला आईएएस अफसर पर आ गया। उन्होंने इसके बाद उन्हें लगातार मैसेज भेजना शुरू किया। सूत्रों के अनुसार शुरुआत में तो इस अफसर ने इन मैसेज को इग्नोर किया लेकिन रात-बिरात मैसेज आने लगे तो उन्होंने इसकी शिकायत लखनऊ में बैठे प्रशासनिक आलाकमान से की।
आलाकमान ने विधायक के पिता से कहकर मामला शांत करा दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से मैसेजिंग का दौर शुरू हो गया। परेशान आईएएस अफसर ने एक बार फिर आलाकमान से शिकायत की और इस बार यह भी कहा कि अगर विधायक जी नहीं माने तो वह इसकी शिकायत के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय तक जा सकती हैं। मामला गंभीर होता देख शासन हरकत में आया और इस बार शिकायत सपा आलाकमान से कर दी गई। सूत्रों के अनुसार विधायक जी को लखनऊ बुलाकर फटकार लगाई गई। लेकिन एक से दो दिन बीतने के बाद फिर विधायक आईएएस से मिलने देर रात उनके घर जा पहुंचे। बस यहां आईएएस का गुस्सा चरम पर पहुंच गया और उन्होंने विधायक को वहां से डांट डपटकर भगवा दिया।
मामले में जब भास्कर डॉट काम ने उन आईएएस से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि यह सब अफवाह है, वह अपना काम कर ऱ्ही हैं उन्हें कोई दिक्कत नहीं। उनके पास भी यह अफवाह पहुंची थी, पर जो बात अफवाह हो उसके बारे में वह कुछ भी कैसे बोल सकती हैं।बात अगर उन्हीं विधायक तक सीमित होती, तो भी गनीमत थी। पर यहां तो लाइन लगी हुई है। ‘न खाता न बही, जौन पंडित सिंह कहैं वहै सही’ यह नारा विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह के नाम के साथ उन की दबंगई और रसूख के चलते उन के साथ जुड़ा। पंडित सिंह ने अपनी कुर्सी का बेजा इस्तेमाल करते हुए गोंडा के सीएमओ को जबरन उठाने की जो हरकत की उसके चलते बाहुबली राजस्व राज्यमंत्री विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह आखिरकार अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।
गोंडा के सीएमओ एस पी सिंह को जबरन उनके घर से उठा ले जाने के आरोप से घिरे मंत्री को राज्य सरकार के दवाब मे स्तीफा देना पड़ा है। सूत्रों की माने तो राज्य सरकार अपनी छवि को ले कर बेहद चिंतित थी। इसी के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से दबाव बनाया गया और मंत्री जी को अपनी कुर्सी गवानी पड़ी। मंत्री जी ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा देने के बाद विनोद सिंह ने राज्य मंत्रिमंडल में व्याप्त अंतर्विरोधों को भी उजागर कर दिया है। उन्होंने अपने सहयोगी और प्रदेश के कृषि मंत्री राजा आनंद सिंह के ऊपर उनके खिलाफ पूरा षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया है। राजस्व मंत्री ने आरोप लगाया की मंत्रिमंडल में सहयोगी होने के बावजूद भी दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी हैं, क्योंकि उन्होंने 2009 में गोंडा जिले में राजा आनंद सिंह के पुत्र को लोक सभा चुनाव में चुनौती दी थी। इसलिए अब वो मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे है।
इस मामले पर राजस्व राज्यमंत्री विनोद सिंह का कहना है कि उन पर लगाए गये सभी आरोप बेबुनियाद है। सरकार की छवि को किसी तरह की ठेस न पहुचे, इसी के चलते उन्होने नैतिकता के आधार पर राज्यपाल को इस्तीफा सौपा है। वह हर जांच के लिए तैयार है।गोंडा के सीएमओ एस पी सिंह को जबरन उनके घर से उठा ले जाने वाले बाहुबली राजस्व राज्यमंत्री विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह पर सीएमओ के साथ बदसलूकी के गंभीर आरोप लगे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की थी जिस को आज शाम तक मुख्यमंत्री के सामने पेश किया जाना है।अगर रिपोर्ट में मंत्री जी के खिलाफ लगे हुए आरोप सत्य साबित होता है, तो मंत्री जी पर मामला भी दर्ज हो सकता है। सूत्रों की माने तो समाजवादी सरकार की छवि खराब होता देखा खुद मुख्यमंत्री की तरफ से पंडित सिंह पर इस्तीफे का दबाव बनाया गया था। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने विनोद द्वारा पर लगे आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने के आदेश दे दिए हैं।
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