राजस्थानी भाषा के मुद्दे को जन जन तक पहुंचा रहे हें देवी सिंह भाटी
मालिक बनो यात्रा में राजस्थानी को मान्यता का मुद्दा छाया रहा
बाड़मेर भाजपा के वरिष्ठ नेता और कोलायत विधायक देवी सिंह बहती की मालिक बना यात्रा के प्रथम चरम में औरन गोचर के मुद्दे के साथ राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा प्रमुखता से जनता के सामने स्वयं देवी सिंह ने तो रखा ही साथ ही मंच से बोले अधिकाँश वक्तो ने राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा राजनितिक दलों के घोषणा पत्र में डालने की मांग राखी .देवी सिंह भाटी की सभाओ में राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने की पुरजोर बात राखी .इस मुद्दे पर आम जनता ने भी अपनी सहमति जाहिर कर अगले विधानसभा चुनावो में राजनितिक दलों को अपने घोषणा पत्र में राजस्थानी भाषा के मुद्दे को शामिल करने पर ही समर्थन दिया जाएगा ,आम जन का यह रुख था की राजस्थानी संस्कृति और परम्परा के साथ हम अपनी भाषा को भूलते जा रहे हें ,देवी सिंह बहती के साथ बीकानेर विधायक गोपाल जोशी ने भी राजस्थानी भाषा को मान्यता के मुद्दे की जोरदार पेरवी जनता के बीच की .गोपाल जोशी ने बताया की उन्होंने तो विधानसभा में राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की जिद कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष देवी सिंह भाटी के सामने राखी थी मगर संवेधानिक मान्यता के आभाव में में सफल नहीं हुआ मगर विधानसभा में राजस्थानी भाषा की बात जरीर राखी ,देवी सिंह भाटी ने बताया की उन्हें दामोदर थानवी ने प्रस्ताव दिया की वो राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाएँगे तो भाटी को उनकी पार्टी में शामिल होना पड़ेगा ,देवी सिंह ने बताया की उन्होंने दामोदर थानवी का प्रस्ताव स्वीकार कसरते हुए कहा था की मायद भाषा ने मान्यता दीरा दो में थारी पार्टी में शामिल हो जासूं .उन्होंने बताया राजस्थानी भाषा के बिना हम राजस्थान की कल्पना ही नहीं कर सकते ,राजस्थानी संस्कृति ,इतिहास परंपरा भाषा के बिना शुन्य हें ,उन्होंने बातचीत में बताया की उनकी मालिक बना यात्रा के शेष तीन चरणों में भी राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता का मुद्दा प्रमुखता से जनता के बीच रखेंगे ,हमारा प्रयास हें की हर राजनितिक दल इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल करे ,,भाटी ने बताया की आम जनता इसे स्वीकार कर , हें जनता खुद इस बार राजनीति दलों पर इसे घोषणा पत्र में शामिल करने का दबाव बनेगी .
मालिक बनो यात्रा में राजस्थानी को मान्यता का मुद्दा छाया रहा
बाड़मेर भाजपा के वरिष्ठ नेता और कोलायत विधायक देवी सिंह बहती की मालिक बना यात्रा के प्रथम चरम में औरन गोचर के मुद्दे के साथ राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा प्रमुखता से जनता के सामने स्वयं देवी सिंह ने तो रखा ही साथ ही मंच से बोले अधिकाँश वक्तो ने राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा राजनितिक दलों के घोषणा पत्र में डालने की मांग राखी .देवी सिंह भाटी की सभाओ में राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने की पुरजोर बात राखी .इस मुद्दे पर आम जनता ने भी अपनी सहमति जाहिर कर अगले विधानसभा चुनावो में राजनितिक दलों को अपने घोषणा पत्र में राजस्थानी भाषा के मुद्दे को शामिल करने पर ही समर्थन दिया जाएगा ,आम जन का यह रुख था की राजस्थानी संस्कृति और परम्परा के साथ हम अपनी भाषा को भूलते जा रहे हें ,देवी सिंह बहती के साथ बीकानेर विधायक गोपाल जोशी ने भी राजस्थानी भाषा को मान्यता के मुद्दे की जोरदार पेरवी जनता के बीच की .गोपाल जोशी ने बताया की उन्होंने तो विधानसभा में राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की जिद कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष देवी सिंह भाटी के सामने राखी थी मगर संवेधानिक मान्यता के आभाव में में सफल नहीं हुआ मगर विधानसभा में राजस्थानी भाषा की बात जरीर राखी ,देवी सिंह भाटी ने बताया की उन्हें दामोदर थानवी ने प्रस्ताव दिया की वो राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाएँगे तो भाटी को उनकी पार्टी में शामिल होना पड़ेगा ,देवी सिंह ने बताया की उन्होंने दामोदर थानवी का प्रस्ताव स्वीकार कसरते हुए कहा था की मायद भाषा ने मान्यता दीरा दो में थारी पार्टी में शामिल हो जासूं .उन्होंने बताया राजस्थानी भाषा के बिना हम राजस्थान की कल्पना ही नहीं कर सकते ,राजस्थानी संस्कृति ,इतिहास परंपरा भाषा के बिना शुन्य हें ,उन्होंने बातचीत में बताया की उनकी मालिक बना यात्रा के शेष तीन चरणों में भी राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता का मुद्दा प्रमुखता से जनता के बीच रखेंगे ,हमारा प्रयास हें की हर राजनितिक दल इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल करे ,,भाटी ने बताया की आम जनता इसे स्वीकार कर , हें जनता खुद इस बार राजनीति दलों पर इसे घोषणा पत्र में शामिल करने का दबाव बनेगी .
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