‘राजस्थानी को मान्यता दिलाना ही एक मात्र लक्ष्य’
बालोतरा, राजस्थानी भाषा अभियान के मुख्य स्तंभ और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. सुरेन्द्रसिंह पोखरणा के मुख्य आतिथ्य और जय कोठारी की अध्यक्षता तथा राजस्थानी साहित्यकार प्रेमचंद कोठारी व बालोतरा उपखंड अध्यक्ष भीखदान चारण के नेतृत्व में बुधवार को अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बालोतरा की बैठक का आयोजन जसोल में किया गया।
जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दनसिंह भाटी ने बताया कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए अंतरराष्टÑीय स्तर पर चलाये जा रहे अभियान के स्तंभकार और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक सुरेन्द्रसिंह पोखरणा के मुख्य आतिथ्य में बालोतरा ब्लॉक की बैठक राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के संबंध में राजस्थान विधानसभा द्वारा 25 अगस्त 2003 को सर्व-सम्मति से एक संकल्प पारित कर केन्द्र सरकार को भेज दिया गया था और इसके पश्चात लगातार संसद और संसद के बाहर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के संबंध में अनुरोध किया जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केन्द्र सरकार से इस बारे में आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जल्द भोजपुरी और राजस्थानी भाषा को मान्यता प्रदान करने के संबंध में केन्द्र स्तर पर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किए जाने की कार्यवाही जारी है। इस अवसर पर जय कोठारी ने कहा कि मायद भाषा का कर्ज उसे मान्यता दिला कर चुकाने का प्राय है। उन्होंने बाड़मेर जिले में चलाये जा रहे अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा अभियान को जन अभियान में तब्दील करना सुखद है। बाड़मेर से पूरे राजस्थान को प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में रह रहे राजस्थानियों के मन में राजस्थानी को मान्यता दिलाने की ललक है।
इस अवसर पर राजस्थानी भाषा के साहित्यकार और कवी प्रेम चांद कोठारी ने कहा कि राजस्थानी भाषा आजादी से पूर्व राजस्थान, मालवा, उमरकोट की राजभाषा थी जिसकी मेवाड़ी, ढूंढाड़ी, मेवाती, हाड़ौती, वागड़ी, मालवी, ब्रज, मारवाड़ी, भीली, पहाड़ी, खानाबदोषी आदि बोलियां एवं डिंगल-पिंगल शास्त्रीय कविता की शैलियां है। इसके लाखों हस्तलिखित ग्रंथ शोध संस्थानों में प्रकाषन की प्रतीक्षा कर रहे है। सिंधी, हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, मराठी के आदिकाल, मध्यकाल राजस्थानी लिपि मुड़िया में ही है। इस मौके पर बालोतरा उपखण्ड अध्यक्ष भीखदान चारण ने बताया कि समिति जिले के सभी तहसीलों में कार्य कर रही है।
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