शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

कवि व अभिनेता दोनों ही भूमिका में रहता हूं सहज : लोढ़ा


कवि व अभिनेता दोनों ही भूमिका में रहता हूं सहज : लोढ़ा



अभिनेता व हास्य कवि शैलेष लोढ़ा से प्रेस वार्ता

बालोतरा कविता के मंच से लंबे समय से रिश्ता रहा है। इन दिनों टीवी कार्यक्रमों में अभिनय करने का अवसर मिला है। मुझे दोनों कार्यों में सामंजस्य रखने में कोई दिक्कत नहीं आ रही है। मैं पूरी तरह से सहज रहता हूं। यह बात सब टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' फेम शैलेष लोढ़ा ने नाकोड़ा में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से मेरा विशेष जुड़ाव है, मेरा बचपन बालोतरा व जसोल की गलियों में बीता। अभी-भी में जब इस क्षेत्र में आता हूं तो मुझे आत्मीयता का अहसास होता है। उन्होंने कहा कि इन दिनों विभिन्न टीवी चैनलों पर ऐसे धारावाहिक आते हैं, उन्हें परिवार के साथ बैठकर देखना संभव नहीं होता है, लेकिन सब टीवी पर ऐसे धारावाहिकों का प्रसारण हो रहा है जिसे पूरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि नीला टेलीफिल्म्स के बैनर तले इन दिनों 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा व वाह-वाह क्या बात है' धारावाहिकों का प्रसारण हो रहा है। आगे भी इसी प्रकार के मनोरंजक कार्यक्रम दर्शकों को देखने को मिलेंगे। साथ ही उन्होंने फिल्मों में बढ़ती फूहड़ता पर अफसोस जाहिर किया। लोढ़ा ने कहा कि आचार्य महाश्रमण के दर्शन के बाद मन में संतोष महसूस हो रहा है। उनसे मिलने के बाद आगे के दिनों के लिए पॉजिटीव एनर्जी मिली है। इस अवसर पर चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के संयोजक गौतम चंद सालेचा, डूंगर चंद सालेचा, ओम बांठिया, गणपत भंसाली, गनी मोहम्मद सुमरो, कांतिलाल ढेलडिय़ा, पीयूष मेहता सहित नाकोड़ा ट्रस्ट मंडल के कर्मचारी मौजूद थे।

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